Thursday, Nov 28, 2024 | Last Update : 09:19 PM IST
तीन तलाक मामले के बाद अब मुस्लिम समुदाय में प्रचलित निकाह हलाला और बहुविवाह को असंवैधानिक करार देने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक याचिका दायर की है। इस याचिका में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) की धारा-2 को मौलिक अधिकारों (संविधान के अनुच्छेद-14, 15 और 21) के खिलाफ बताकर असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग की गई है।
बता दें कि इस याचिका निकाह हलाला और बहुविवाह पब्लिक ऑर्डर, को नैतिकता और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया गया है। इस याचिका में ये मांग की गई है कि इन प्रथाओं को सती प्रथा की तरह हमेशा के लिए प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
साथ ही कहा गया कि अब तक राज्य की ओर से निकाह हलाला और बहुविवाह को अपराध की श्रेणी में नहीं लाया गया है. लिहाजा ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता के तहत पुलिस एफआईआर भी दर्ज नहीं कर सकती।
बता दें कि निकाह हलाला वह प्रथा है कि जिसके तहत तलाकशुदा महिला को अपने पति के साथ फिर से बसने के लिए पहले किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी होती है और उसे तलाक देने के बाद उसे अपने पूर्व पति से निकाह करना पड़ता है। याचिका में शीर्ष अदालत से गुहार की गई है कि सभी भारतीय नागरिकों पर आईपीसी के प्रावधान लागू किए जाएं और निकाह हलाला को धारा 375 के तहत बलात्कार की श्रेणी में रखा जाए।
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