सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के फैसले के खिलाफ SC में पुनर्विचार याचिका

Saturday, Mar 01, 2025 | Last Update : 09:06 AM IST


सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के फैसले के खिलाफ SC में पुनर्विचार याचिका

सबरीमाला मंदिर पर SC के फैसले से नाराज भगवान अयप्पा के भक्तों ने जताई नाराजगी दिल्ली और चेन्नई में किया विरोध प्रदर्शन।
Oct 8, 2018, 12:21 pm ISTNationAazad Staff
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केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नाराज भगवान अयप्पा एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सबरीमाला मंदिर में अब महिलाओं को भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन करने का अधिकार मिल गया है।  हालांकि मंदिर की इस प्रथा को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने गैर कानूनी घोषित किया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भगवान अयप्पा के भक्त ने भी विरोथ जताया है। रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जहां 'अयप्पा नामा जापा यात्रा निकाली वहीं, चेन्नई में कोडम्बक्कम हाई रोड से महालिंगपुर श्री अयप्पा मंदिर तक विरोध मार्च निकाला। इस विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल रही।

बहरहाल केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए कोर्ट के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर नहीं की है। केरल सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करती है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सबरीमाला जाने वाली महिला भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकतीं थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थी। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की इस परंपरा को गलत बताया और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेज करने की इजाजत दे दी है।

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