पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को दिया बड़ा झटका, मानव श्रृंखला पर छिड़ी बहस

Friday, Nov 29, 2024 | Last Update : 07:25 AM IST


पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को दिया बड़ा झटका, मानव श्रृंखला पर छिड़ी बहस

आगामी 21 जनवरी को नशा मुक्ति, दहेज प्रथा व बाल-विवाह के खिलाफ आयोजित होने वली मानव श्रृंखला को लेकर कोर्ट जल्द सुनाएगी फेसला।
Jan 17, 2018, 10:02 am ISTNationAazad Staff
Bihar High court
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पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने 21 जनवरी को दहेज उन्मूलन और बाल विवाह के खिलाफ बनने वाले मानव श्रृंखला में बच्चों और शिक्षकों के शामिल होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। कोर्ट इस मामले में एक महीने बाद सुनवाई करेगी और  देखेंगे कि क्या सरकार ने किसी शिक्षक या बच्चे को जबरदस्ती मानव श्रृंखला में शामिल तो नहीं किया। कोर्ट ने कहा है कि मानव श्रृंखला किसी बच्चे को शामिल नहीं किया जाता है तो सरकार उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकती।

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन की खंडपीठ ने की। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने यह फैसला शिव प्रकाश राय द्वारा जारी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए किया है। यह मामला बाल विवाह अधिनियम 1973 और दहेज उन्मूलन एक्ट 1961 का है।

2017 में भी बिहार सरकार ने 21 जनवरी को 4 करोड़ के मानव श्रृंखला बनाकर रिकॉर्ड बनाया था। इस बार उससे भी ज्यादा यानि लगभग 6 करोड़ की मानव श्रृंखला बनाकर अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ना था, लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश से इसकी संख्या पर असर पड़ सकता है।

गौरतलब है कि बिहार में करीब 2 करोड़ स्कूली बच्चे हैं और तीन लाख शिक्षक हैं। ऐसे में अगर इनकी शामिल होने की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी तो संख्या को पूरा करना मुश्किल काम होगा।

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