Thursday, Nov 28, 2024 | Last Update : 04:12 AM IST
मंगलवार को जल संसाधन और गंगा पुनरुद्धार मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने को लेकर कहा कि अगर काम पूरा नहीं हुआ तो नौकरशाहों को कोई दोष नहीं देगा। लोग तो यही कहेंगे कि नरेंद्र मोदी सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर पाई। नितिन गडकरी ने भी कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि लालफीताशाही वाले नौकरशाह उन्हें पसंद नहीं हैं। अगर नौकरशाह काम नहीं करते हैं तो उनकी विश्वसनीयता चली जाती है।
बता दें कि मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले गंगा को स्वच्छ और निर्मलबनाने का वायदा किया गया था लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के चार साल बाद भी गंगा की स्थिति में खास सुधार होता नहीं दिख रहा। पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद कहा था कि शहर और संस्कृति को बचाने के लिए गंगा नदी का साफ होना सबसे पहली जरूरत है। मां गंगा चाहती हैं कि कोई ऐसा बेटा तो आए जो उसे इस गंदगी से बाहर निकाले।
उल्लेखनीय है कि नमामि गंगे परियोजना गंगा की सफाई का राष्ट्रीय मिशन है। यह मोदी सरकार की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। इस संदर्भ में गडकरी को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय का प्रभार पिछले साल सितंबर में ही सौंपा गया है।
हालांकि ये जिम्मेदारी उमा भारती को भी दी गई। जिसके तहत एक एक्शन कमेटी भी बनी, जिसमें उमा भारती के अलावा नितिन गटकरी, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और श्रीपद नाइक जैसे दिग्गज शामिल किए गए।
बहरहाल शुरुआती दिनों में तो गंगा की सफाई से जुड़े अभियान तूफानी अंदाज में नजर आ रहे थए लेकिन समय के साथ साथ इसकी रफ्तार भी धीमी हो गई।