Tuesday, Nov 26, 2024 | Last Update : 11:05 PM IST
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बार फिर से तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है, हालांकि ये ममाला राज्यसभा में लंबित है। कांग्रेस ने संसद में कहा था कि इस बिल के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया जाना चाहिए। जिस कारण इसे राज्यसभा में पारित नहीं किया जा सका था।
एनडीए सरकार की तरफ से पहली बार करीब दस महीने पहले सदन में बिल लाने के बाद इस पर अध्यादेश लाकर उसे मंजूरी दी गई है। यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा। इस दौरान सरकार को इसे संसद से पारित कराना होगा। सरकार के पास अब बिल को शीत सत्र तक पास कराने का वक्त है।
केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने का यह सिलसिला अब भी जारी है। कोर्ट के आदेश के बाद अब तक 201 मामले तलाक के सामने आ चुके हैं। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष इस प्रथा पर रोक लगा दी थी। यह प्रथा अब भी जारी है इसलिए इसे दंडनीय अपराध बनाने की खातिर विधेयक लाया गया।
रविशंकर प्रसाद प्रसाद ने कहा- इस अध्यदेश की खास बात ये है कि पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब पीड़ित पत्नी या उनके किसी करीब रिश्तेदार की तरफ से एफआईआर कराई गई हो।
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