Tuesday, Nov 26, 2024 | Last Update : 05:21 PM IST
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन पर मीटू अभियान के तहत एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। जिसके चलते विपक्ष लगातार उनपर दवाब बना रहा था। भाजपा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में पहली बार किसी मंत्री ने इस्तीफा दिया है। हालांकि अमर उजाला ने मंगलवार को ही अपनी एक रिपोर्ट में पुष्टि कर दी थी की वह जल्द ही अपना इस्तीफा दे सकते है।
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर मामले की गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई भी होगी। दूसरी तरफ मंत्री के खिलाफ गवाही देने वाली महिला पत्रकारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अब प्रिया रमानी समेत इस मामले में गवाही देने वाली पत्रकारों की संख्या 20 हो गई है। अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट किया है।
मंगलवार को पत्रकार तुषिता मेहता ने आरोप लगाया, ‘1990 के दशक में अकबर ने होटल के एक कमरे में मुझे बुलाया था। उस समय वह टेलीग्राफ के संपादक थे और मैं ट्रेनी थी। मेरी उम्र 22 साल थी। हैदराबाद में डेक्कन क्रोनिकल में काम करने के दौरान अकबर ने दो बार मेरा यौन शोषण किया।’
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
अकबर पर अब तक 16 महिलाएं मीटू मुहिम के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं। महिला प्रेस कॉर्प्स के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस मामले पर सरकार के ढुलमुल रवैये को लेकर नाराजगी जताई है। एशियन ऐज में काम कर चुकीं महिला पत्रकारों ने साझा बयान जारी कर कहा है कि अकबर के खिलाफ लड़ाई में रमानी अकेली नहीं हैं। उन्होंने अदालत में भी अपने बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया है। अकबर के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला पत्रकारों की संख्या अब 20 हो गई है।
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