Sunday, Nov 24, 2024 | Last Update : 05:21 PM IST
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाके के डीएम के पास अर्जी लगाने को कहा है मामले की सुनवाई के दौरान ऑल इंडिया रैगर महासभा के महासचिव छतर सिंह राछोया ने जज पुनीत नागपाल को बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुद की तुलना भगवान से करके हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है ।
याचिकाकर्ता छतर सिंह राछोया ने कहा 'मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर खुद की तुलना भगवान से की है लिहाजा कोर्ट पुलिस को मायावती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही मामले की सुनवाई को टाल दिया है। कोर्ट के मुताबिक केस चलाने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों में से किसी एक से इजाजत लेनी जरूरी है। अब इस मामले की सुनवाई ३१ जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने हलफनामे में मायावती ने कहा कि जब सरकारी खर्चे पर २२१ मीटर की भगवान राम की मूर्ति लगाई जा सकती है, तो भला उनकी मूर्ति क्यों नहीं लगाई जा सकती? बसपा सुप्रीमो मायावती यहीं नहीं रुके अपने हलफनामे में उन्होंने हाल ही में ३००० करोड रुपए की पर्ची पर गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की लगाई गई मूर्ति पर भी सवाल उठाया है।
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