शारीरिक संबंध के लिए पति और पत्नी की सहमति जरूरी -दिल्ली हाई कोर्ट

Wednesday, Nov 27, 2024 | Last Update : 03:30 PM IST


शारीरिक संबंध के लिए पति और पत्नी की सहमति जरूरी -दिल्ली हाई कोर्ट

शादी जैसे रिश्ते में पुरुष और महिला दोनों को शारीरिक संबंध के लिए 'ना' कहने का अधिकार है - कोर्ट
Jul 18, 2018, 11:27 am ISTNationAazad Staff
High Court
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दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि शादी का यह मतलब नहीं है कि कोई महिला अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए हमेशा राजी हो और यह जरूरी नहीं है कि बलात्कार के लिए शारीरिक बल का इस्तेमाल जरुरी है। यह जरुरी नहीं है कि बलात्कार में चोटें आई हो। कोर्ट ने कहा कि आज बलात्कार की परिभाषा पूरी तरह अलग है। कोर्ट ने कहा कि पुरुष को यह साबित करना होगा कि महिला ने संबंध बनाने के लिए सहमति दी है।

अदालत ने एनजीओ मेन वेलफेयर ट्रस्ट की इस दलील को खारिज कर दिया कि पति - पत्नी के बीच यौन हिंसा में बल का इस्तेमाल या बल की धमकी इस अपराध के होने में महत्वपूर्ण कारक हो। एनजीओ वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध बनाने वाली याचिका का विरोध कर रहा है। एनजीओ की ओर से पेश हुए अमित लखानी और रित्विक बिसारिया ने दलील दी कि पत्नी को मौजूदा कानूनों के तहत शादी में यौन हिंसा से संरक्षण मिला हुआ है।

बहरहाल इस मामले को लेकर अभी कोर्ट में और भी कई दलीलों पर कार्यवाही की जानी बाकी है जिसपर 8 अगस्त को सुनवाई होगी।

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