Sunday, Jan 19, 2025 | Last Update : 12:49 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने उन नेताओं पर सवाल उठाए है जिन लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज है। सजा पाने वाले नेताओं पर चुनाव लड़ने की पाबंदी पर केंद्र सरकार गंभिरता से विचार कर रहीं है। बता दे कि चुनाव आयोग इन नेताओं पर अजीवन रोक लगाने के पक्ष में है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि ऐसे मामले की सुनवाई विशेष अदालतों में होनी चाहिए। इसमें कितना वक्त और फंड लगेगा यह 6 हफ्तों में बताएं।
इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा, हम स्पेशल कोर्ट के लिए तैयार हैं पर यह राज्यों का मामला है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप सेंट्रल स्कीम के तहत स्पेशल कोर्ट बनाने के लिए फंड बताये कि कितना लगेगा।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूछा की 2014 के 1581 में कितने अपराधी नेताओं का निपटारा किया गया है। एक साल के भीतर कितने नेताओं को सजा हुई है और कितने बरी किए गए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 2014 से 2017 के बीच कितने सांसद व विधायको पर मामले दर्ज हुए है। इसके साथ ही विशेष अदालतों के गठन के लिए सरकार की कार्य को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है।
जाने क्या है याचिका…
इस मामले में केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा था कि सांसदों-विधायकों को दोषी ठहराए जाने की स्थिति में उन पर उम्र भर के लिए प्रतिबंध लगाने का अनुरोध विचार योग्य नहीं है। केंद्र ने इसी तर्क के आधार पर याचिका खारिज किए जाने की भी मांग की थी। याचिका में चुनाव लड़ने वाले व्यक्तियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और अधिकतम आयु सीमा निर्धारित करने के लिए केंद्र और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।