हिंदी की मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती का निधन

Monday, Nov 25, 2024 | Last Update : 05:50 PM IST


हिंदी की मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती का निधन

हिंदी साहित्य की जानी मानी प्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती का ९४ साल की उम्र में निधन हो गया है। साल २०१७ में उन्हें पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था। उस वक्त उनकी उम्र ९० वर्ष थी।
Jan 25, 2019, 11:18 am ISTNationAazad Staff
Krishna Sobti
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हिंदी साहित्य की जानी मानी प्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती का ९४ साल की उम्र में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम को निगम बोध घाट पर विद्युत शव दाह गृह में होगा। कृष्णा सोबती को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। यहां बता दें की ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च पुरस्कार है। इन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कृष्णा सोबती हिंदी जगत की उन चंद लेखिकाओं में शूमार थीं, जिन्हें साहित्य जगत के तमाम बड़े सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका था। कृष्णा सोबती  को साल १९८० में उपन्यास ‘जिंदगीनामा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें साल १९९६ में ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा व्यास सम्मान, शलाका सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। लेखिका कृष्णा सोबती का जन्म १८ फरवरी, १९२४ को गुजरात (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था।

इनकी चर्चित रचनाएं व उपन्यास -

सूरजमुखी अंधेरे के’, ‘दिलोदानिश’, ‘जिंदगीनामा’, ‘ऐ लड़की’, ‘समय सरगम’, ‘मित्रो मरजानी’, ‘जैनी मेहरबान सिंह’, ‘हम हशमत’, ‘बादलों के घेरे’ शामिल हैं।

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