Sunday, Jan 19, 2025 | Last Update : 08:50 AM IST
हिमाचलप्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हर तरह की राजनैतिक गतिविधियां शूरु हो गई है। वैसे तो हिमाचलप्रदेश में विधानसभा चुनाव तारिख की घोषणा कर दी गई है। यहां चुनाव ९ नवंबर को होना है, लेकिन गुजरात में नीति आयोग ने चुनाव की तारिख पर सस्पेंस बना रखा है। चुनाव की तारिख का ऐलान ना किए जाने के कारण कांग्रेस ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर संगीन आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि निर्वाचन आयोग ने सरकार के दबाव में गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा में विलंब किया है।
वहीं इन आरोप पर चुप्पी तोड़ते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए जवाब देते हुए कांग्रस पर आरोप लगाते हुए कहा कि २०१२ में चुनावों में कांग्रेस की मदद के लिए चुनाव आयोग ने एक साथ गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों की घोषणा कर दी थी। रूपानी ने कहा कि २०१२ में पीएम मोदी को काम करने से रोकने के लिए चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शह पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू कर दिया था, जिससे कि राज्य सरकार विकास कामों को पूरा नहीं कर सके।
इसके साथ ही चुनाव आयोग के मुखिया वीएस संपथ ने ३ अक्टूबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश में एक साथ चुनाव की तारीख की घोषणा की थी। रूपानी ने कहा कि उस वक्त आदर्श आचार संहिता ८३ दिनों तक चला था।
वहीं इस मामले में चुनाव आयोग रहे वीएस संपथ ने गुजरात के मुख्यमंत्री के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होने कहा कि चुनाव आयोग हमेशा स्वतंत्रता और उच्चतम परंपरा का पालन करता है, वह कभी अपने संवैधानिक कर्तव्यों से समझौता नहीं करता।
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