चंद्रयान-२ के डी ऑर्बिट प्रक्रिया का पहला चरण सफलतापूर्वक किया गया पूरा

Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 09:48 PM IST

चंद्रयान-२ के डी ऑर्बिट प्रक्रिया का पहला चरण सफलतापूर्वक किया गया पूरा

चंद्रयान- २ ऐसा पहला यान होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा।
Sep 3, 2019, 1:13 pm ISTNationAazad Staff
Chandrayaan-2
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भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-२ पर देश और दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। सोमवार को इस मिशन ने एक और कामयाबी हासिल की है। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान सोमवार दोपहर १.१५ मिनट पर ऑर्बिटर (कृत्रिम उपग्रह) से सफलतापूर्वक अलग हो गए। इसी के साथ मिशन अब अपने अंतिम और बेहद अहम दौर में पहुंच गया है।

चंद्रयान-२ के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतरने से पहले आज लैंडर विक्रम ने सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से उल्टी दिशा में चलना शुरू किया। आज इसरो ने सुबह ८ बजकर ५० मिनट पर प्रणोदन तकनीक का उपयोग कर ये प्रक्रिया पूरी की और इसे करने में चार सेकंड का समय लगा।

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चंद्रयान-२ से अलग होने के बाद करीब २० घंटे से विक्रम लैंडर अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था लेकिन, अब यह ऑर्बिटर से उल्टी दिशा में जाएगा। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में डिऑर्बिट कहा जाता है। इसरो के वैज्ञानिकों ने विक्रम को आज सुबह ८.५० बजे चांद के बेहद करीब वाली कक्षा १०४ गुणा १२८ किमी के दायरे में दाखिल करा दिया है। चंद्रयान-२ का ऑर्बिटर अपनी कक्षा में ही चक्कर लगा रहा है और ऑर्बिटर और लैंडर दोनों ठीक तरीके से काम कर रहे है।

दूसरा और अंतिम डी ऑ‍रबिट मिशन कल  यानि ४ सितंबर को सुबह साढ़े तीन बजे से साढ़े चार बजे के बीच पूरा किया जाएगा। जिसके बाद  लैंडर  की चंद्रमा की सतह से निकटतम दूरी ३६ किलोमीटर और अधिकतम दूरी ११०  किलोमीटर रह जाएगी। बता दें कि सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग होनी है । अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर मिशन मुकम्मल कर पाए हैं।

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