Saturday, Jan 18, 2025 | Last Update : 09:32 AM IST
इंटर कास्ट मैरिज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 5 लाख रुपये की सालाना आय की सीमा को खत्म कर दिया गया है। इस स्किम को डॉ. अम्बेडकर फॉर सोशल इंटिग्रेशन थ्रू इंटर कास्ट मैरिज' के तहत शुरु किया जा रहा है। ये स्कीम 2013 में शुरू की गई थी। बता दे कि इस स्कीम के तहत लगभग 500 ऐसे अंतरजातीय जोड़ों को मौद्रिक प्रोत्साहन देने का लक्ष्य दिया गया है।
इस स्किम को अमल में लाने के लिए शर्त ये है कि वार्षिक आय 5 लाख से कम होनी चाहिए। ऐसे जोड़ों को केंद्र सरकार की तरफ से 2.5 लाख रुपए का प्रोत्साहन एक बार मिलेगा। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए आय सीमा को खत्म कर दिया जाएगा। शादी पहली होनी चाहिए और हिंदू मैरिज एक्ट के तहत पंजीकृत होनी चाहिए। इस स्कीम के चहिए एक वर्ष में 500 जोड़ों को मदद देने का लक्ष्य था लेकिन ये एक साल में पूरा नहीं हो पाया था। बता दें कि साल 2014-2015 में सिर्फ 5 जोड़ों को ये राशि मिली थी। इस साल मंत्रालय को 409 प्रपोजल मिले हैं जिनमें से 74 को अप्रूव कर दिया गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मेघालय और तमिलनाडु जैसे राज्यों में 95 प्रतिशत लोगों ने अपनी जाति में शादी की है। पंजाब, सिक्किम, गोवा और केरल में 80 प्रतिशत लोगों ने अपनी जाति में शादी की है।
2016-17 में 736 आवेदकों में से 45 को मंत्रालय ने सही ठहराया है। इस साल अब तक केवल 409 प्रस्ताव मंत्रालय को मिले हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इनमें से केवल 74 जोड़ों को योग्य पाया है।
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