Wednesday, Nov 27, 2024 | Last Update : 11:09 AM IST
27 जुलाई को मध्यरात्रि में चंद्र ग्रहण होने से यह ग्रहण सदी का सबसे लंबा ग्रहण भी होने जा रहा है। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 54 मिनट 33 सेकंड है। चंद्रग्रहण काल के दौरान मंगल पृथ्वी के बेहद करीब होगा। चंद्र ग्रहण के दौरान चांद लाल रंग का दिखेगा। जिसकी वजह से इसे ब्लड मून कहा जाता है। चंद्र ग्रहण का नजारा देश के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा। चंद्रग्रहण 27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट से लगेगा। सुबह के तीन बजकर 49 मिनट पर चंद्रग्रहण संपन्न हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ग्रहण का प्रभाव लगभग 120 दिन तक रहता है।
चंद्र ग्रहण को लेकर पौराणिक मान्यता -
अनुसार जब समुद्र मंथन चल रहा था तब उस दौरान देवताओं और दानवों के बीच अमृत पान के लिए विवाद पैदा शुरू होने लगा, तो इसको सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया। मोहिनी के रूप से सभी देवता और दानव उन पर मोहित हो उठे तब भगवान विष्णु ने देवताओं और दानवों को अलग-अलग बिठा दिया। लेकिन तभी एक असुर को भगवान विष्णु की इस चाल पर शंका हुई तो वह असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान करने लगा।
देवताओं की पंक्ति में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने दानव को ऐसा करते हुए देख लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहू ने अमृत पान किया हुआ था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतू के नाम से जाना गया। इसी वजह से राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का ग्रास कर लेते हैं। इसलिए चंद्र ग्रहण होता है।
...