Thursday, Nov 28, 2024 | Last Update : 07:16 PM IST
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने का बिगुल फूंक दिया है। लोकपाल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे इस बार मोदी सरकार पर हमला बोला है।
भूख हड़ताल से पहले अन्ना हजारे राजघाट जाएंगे वहां महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे इसके बाद शहीदी पार्क तक जुलूस निकालेंगे और उसके बाद रामलीला मैदान जाएंगे। माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और कुमार विश्वास जैसे पुराने सहयोगी उनके समर्थन में रामलीला मैदान पहुंच सकते हैं।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने बीते 16 मार्च को कहा था कि उन्होंने 23 मार्च से दिल्ली की जेल में सत्याग्रह करने का ऐलान किया है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अब तक इसकी अनुमति नहीं दी। हजारे ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं। लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
अन्ना हजारे की ये है मांगे -
अन्ना की मांग है कि सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग चुनाव आयोग नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए।
अन्ना हजारे की मांग है कि ऐसे किसान जिसके घर में किसान को कोई आय नहीं है उसे 60 साल बाद 5000 हजार रुपय पेंशन दो। दूसरी संसद में किसान बिल को पास किया जाए, क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है।
गौरतलब है कि 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर वह इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। हालांकि उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। इस बार संभावित तौर पर वह नरेंद्र मोदी की सरकार निशाने पर है।
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