Tuesday, Nov 26, 2024 | Last Update : 07:49 AM IST
अगले 4 महीने में देशभर के करीब 1.13 लाख यानी आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर से देश में नोटबंदी जैसा असर देखने को मिल सकता है। एटीएम इंडस्ट्री की शीर्ष संस्था कंफडेरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) के मुताबिक, मार्च 2019 तक देश के 50 फीसदी एटीएम बंद हो सकते हैं। इसमें 1 लाख ऑफ साइट एटीएम और 15,000 व्हाइट लेबल एटीएम हैं।
अगर देश में ज्यादादर एटीएम बंद होते है तो इसका असर हजारों नौकरियों पर भी पढ़ेगा। इंडस्ट्री बॉडी ने एक बयान में कहा कि एटीएम के बंद होने से रोजगार के साथ साथ सरकार के वित्तीय समावेशन के प्रयासों पर भी असर पड़ेगा। उद्योग संगठन ने अपने बयान में कहा है कि अगर देश में ज्यादर एटीएम बंद होते है तो इसका सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों पर पड़ेगा। ऐसे में साफ है कि इसका असर सरकारी सब्सिडी का लाभ पाने वाले लोगों पर भी पड़ेगा जो मशीनों का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए करते हैं।
नए कानून से बढ़ी मुश्किलें
एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड को लेकर जो नए नियम आए हैं उनके चलते पुराने एटीएम को चलाना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा कैश मैनेजमेंट स्टैंडर्ड और कैश लोडिंग को लेकर भी नियम जारी हुए हैं. इससे एटीएम कंपनियां, ब्राउन लेबल और व्हाइट लेबल एटीएम प्रदाता पहले ही नोटबंदी के दौरान हुए घाटे से जूझ रहे हैं।
नई तकनीकों के हिसाब से आएंगा ज्यादा खर्च -
नई तकनीकों के हिसाब से एटीम में बदलाव के लिए बैंकों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक इन मशीनों के कैश लॉजिस्टिक और कैसेट स्वैम मेथड में बदलाव करने में ही 3,500 करोड़ का खर्च आ सकता है। अगर बैंक इस खर्च का बोझ नहीं उठाते हैं तो एटीएम सर्विस देने वाली कंपनियां इन्हें बंद करने का फैसला कर सकती हैं।
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