Friday, Nov 22, 2024 | Last Update : 09:03 AM IST
आईएमए हरियाणा एंड हरियाणा एसोसिएशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के साथ साझेदारी में 29 मई, 20201 को ‘कोविड एंड स्ट्रेस’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। डॉ. वीना सिंह, महानिदेशक- स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा, और डॉ. आर. के. अनेजा, चेयरमैन, मेडिकल काउंसिल हरियाणा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी इस वेबिनार में सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में डॉ. जे. ए. जयलाल, नेशनल प्रेसीडेंट, आईएमए, डॉ. करण पूनिया, स्टेट प्रेसीडेंट, आईएमए, हरियाणा, डॉ. रागिनी अग्रवाल, प्रेसीडेंट, HARObGyn, VP FOGSI, Chair Academic and Public Health Edu IMA, हरियाणा भी उपस्थित थे।
वेबिनार के दौरान ‘कोविड- 19 महामारी के साइको-सोशल सीक्वल्स’ और ‘इम्पैक्ट, केयर एंड प्रेक्टिस माइंडफुलनेस एंड डेवलप फाउंडेशनल एटीट्यूड बिहाइंड माइंडफुलनेस’ थीम पर दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘कोविड- 19 ने व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामुदायिक स्तर पर अत्यधिक तनाव पैदा कर दिया है। मौजूदा माहौल में हमें लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी बेहतर स्थिति प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को एकजुट होकर काम करना होगा। हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, यदि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक दूसरे के पूरक के रूप में एक साथ काम करते हैं, न कि प्रतिस्पर्धी के रूप में। समाज की बेहतरी के लिए प्रत्येक क्षेत्र की दक्षताओं और ताकत को जोड़ा जा सकता है।’’
डॉ. रागिनी अग्रवाल, प्रेसीडेंट, HARObGyn, VP FOGSI, Chair Academic and Public Health Edu IMA, हरियाणा ने कहा, ‘‘कोविड- 19 के कारण तनाव का उत्पन्न होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, निश्चित तौर पर कोविड से उपजे हालात ने लोगों के जीवन में भारी तबाही मचाई है। इसलिए इस तनाव से बड़ी संवेदनशीलता से निपटना होगा, क्योंकि यह एक नई समस्या को जन्म दे सकता है जो तनाव के बाद का आघात हो सकता है जो लंबे समय में किसी भी व्यक्ति के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।’’
डॉ. जयकुमार सी, असिस्टेंट प्रोफेसर, सेंटर फॉर साइकोसोशल सपोर्ट इन डिजास्टर मैनेजमेंट, निमहांस बेंगलुरू ने कहा, ‘‘कोविड के कारण लोग शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ये सभी चारों स्थितियां आपस में जुड़ी हुई हैं, और इनमें व्यवधान आने से पूरे सिस्टम के ध्वस्त होने का खतरा बना रहता है।’’
आईएमए के नेशनल प्रेसीडेंट डॉ. जे. ए. जयलाल ने कहा, ‘‘यह देखना बहुत तनावपूर्ण है कि कई लोगों की जान चली जाती है, खासकर वे महिलाएं जो गर्भवती थीं और जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था। हम स्तनपान कराने वाली माताओं से भी आग्रह करते हैं कि वे कोविड से बचने के लिए टीका अवश्य लगवाएं।’’ हरियाणा एसोसिएशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स की सेक्रेटरी डॉ. ज्योति मलिक ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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