Narendra Modi (नरेन्द्र मोदी)

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Narendra Modi (नरेन्द्र मोदी)

नरेन्दर मोदी भारत के १५ पृधान-मंत्री २६ मई २०१४ से है मोदी जी भारतीये जनता पार्टी के नेता है।२००१ से २०१४ तक वो गुजरात के मुख्य मंत्री रह चुके है । जन्म स्थान :- सितम्बर १७,१९५०,वडनगर। पत्नी :- जशोदाबेन नरेंद्रभाई मोदी (सन १९६८ ) पढ़ाई :- गुजरात विश्वविधायलय (१९८३) ,दिल्ही विश्वविधायलय (१९७८) माता - पिता :- हीराबेन मोदी ,दामोदरदास मूलचंद मोदी
Feb 13, 2016, 11:30 am ISTLeadersSarita Pant
Narendra Modi Indian PM
  Narendra Modi Indian PM

नरेन्द्र  मोदी १७ सितम्बर १९५० में वडनगर ग्राम में हुआ उनकी माता का नाम हीराबेन मोदी और पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद्र गांधी है |

मोदी जी ने भारत पाकिस्तान के  युद्ध के दौरान भी रेलवे स्टेशन  सफर रहे सैनको की सेवा भी की वह शाकाहारी है ।

अखिल भारतीये विधयर्थी परिषद में वह युवावस्था में शामिल  हो गये, उन्होंने साथ ही साथ भ्रष्टाचार विरोधी नव निर्माण आन्दोलन में हिस्सा लिया।

मोदी जी भारतीये जनता पार्टी में पूर्वकालिक आयोजक के रूप में भी कार्य कर चुके है ,उन्हें संगठन का प्रतिनिधि मनोनीत किया गया था |

वह अपने माता पिता की छः संतान है, बचपन में वह रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता की सहयता करते थे, किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान चला चुके है, मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर में पूरी की। उन्होने गुजरात विश्विधायलय से राजनीति विज्ञान में परीक्षा दी  और एम.एस.सी के डिग्री प्राप्त की ।

बड़नगर के ही एक स्कूल मास्टर के अनुसार नरेन्द्र हालाँकि एक औसत दर्ज़े का विद्यार्थी थे, लेकिन वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिताओं में उसकी बेहद रुचि थी।

मोदी जब १३ वर्ष के थे तभी उनकी सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी, मात्र १७ वर्ष की आयु उनका विवाह हो गया, और कुछ वर्ष के पश्चात पति पत्नी एक दूसरे के साथ अजनबी हो गये |

क्योकि उनका पूरा ध्यान राजनीती और समाजसेवा में था ओर मोदी जी का यह भी मानना था कि अविविहित व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार तरीके से लड़ सकता है क्योंकि उसे अपनी पत्नी, परिवार व बालबच्चों की कोई चिन्ता नहीं रहती।  वैसे तो मोदी जी ने शपथ लेते वक़्त जसोदा बेन  को उनकी पत्नी स्वीकार किया है|

नरेंद्र मोदी जब विश्वविधयालय में थे, तभी से उनकी राजनितिक रूचि थी, उन्होने भारतीय जनता पार्टी  मजबूत बनने में भी बड़ी भूमिका निभायी है गुजरात में शंकरसिंघ वाघेला का जनाधार को मजबूत बनाने में मोदी जी भूमिका अहम है ।

जब मिली -जुली सरकार  १९९० में चल रहा था तब गुजरात में १९९५ के विधान सभा चुनाव में भारतीये जनता पार्टी ने सरकार बना ली  तब नरेंद्र मोदी जी का आडवाणी के प्रमुख सारथि बनकर महत्व पूर्ण भूमिका निभायी |

१९९५ में राष्ट्रीय मन्त्री के नाते उन्हें पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। १९९८ में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया।२००१ में केशूभाई पटेल को हटाकर मोदी जी को गुजरात का मुख्य मंत्री की कमान सौप दी गयी ।

गुजरात के मुख्य मंत्री बन कर बहुत उन्नति करवाई, मोदी जी एक कर्म योगी के तरह जीवन जीने वाले है  उन्होने गुजरात में कई ऐसे हिन्दू मंदिरो को ध्वस्त होने में कोई सकती नही बरती जो सरकारी कानून के मुताबिक नही थे | मोदी जी एक लोकप्रिये वक्ता है उनके विचारो को सुनने के लिए श्रोता जमा हो जाते है ओर उनके विचारो को सुनते है। कुर्ता पायजामा व सदरी के अतिरिक्त वे कभी-कभार सूट भी पहन लेते हैं।उनकी मातृभाषा गुजरती है लेकिन वह हिंदी में ही बोलते हैं।

नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में २०१२ में हुए गुजरात विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। भाजपा को इस बार ११५ सीटें मिलीं। बाबरी मस्ज़िद के लिये पिछले ५४ सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे ९२ वर्षीय मोहम्मद हाशिम अंसारी के मुताबिक भाजपा में प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के प्रान्त गुजरात  में सभी मुसलमान खुशहाल और समृद्ध हैं।

नरेन्द्र मोदी की गुजरात के विकास योजनाएँ

मुख्यमन्त्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिये जो महत्वपूर्ण योजनाएँ प्रारम्भ कीं उनका उलेखन तथा विवरण इस प्रकार है-

पंचामृत योजना - राज्य के एकीकृत विकास की पंचायामी योजना,
मातृ-वन्दना – जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा हे,
ज्योतिग्राम योजना – प्रत्येक गाँव में बिजली पहुँचाने हेतु,
कर्मयोगी अभियान – सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने हेतु,
कन्या कलावाणी योजना – महिला साक्षरता व शिक्षा के प्रति जागरुकता,
बालभोग योजना – निर्धन छात्रों को विद्यालय में दोपहर का भोजन,
सुजलाम् सुफलाम् - राज्य में जलस्रोतों का उचित व समेकित उपयोग, जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके,
कृषि महोत्सव – उपजाऊ भूमि के लिये शोध प्रयोगशालाएँ.
चिरंजीवी योजना – नवजात शिशु की मृत्युदर में कमी लाने हेतु |

मोदी जी का वनबन्धु विकास कार्यक्रम

उपरोक्त विकास योजनाओं के अतिरिक्त मोदी ने आदिवासी व वनवासी क्षेत्र के विकास हेतु गुजरात राज्य में वनबन्धु विकास हेतु एक अन्य दस सूत्री कार्यक्रम भी चला रखा है जिसके सभी १० सूत्र निम्नवत हैं |

  • पाँच लाख परिवारों को रोजगार,
  • उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता,
  • आर्थिक विकास,
  • स्वास्थ्य,
  • आवास,
  • साफ स्वच्छ पेय जल,
  • सिंचाई,
  • समग्र विद्युतीकरण,
  • प्रत्येक मौसम में सड़क मार्ग की उपलब्धता और १०-शहरी विकास।

बढ़ते हुए आतंकवाद के विरुद्ध मोदी जी  के विचार

मोदी ने १८ जुलाई २००६ में अपने एक भाषण में आतंकवाद-विरोधी विधान लाने के विरूद्ध उनकी अनिच्छा को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की तथा मुंबई में हुए रेल बम विस्फोट के खिलाफ राज्यों  सख्त कानून लागू करने के लिए सशक्त करने की माँग की ।

"आतंकवाद युद्ध से भी बदतर है। एक आतंकवादी के कोई नियम नहीं होते। एक आतंकवादी तय करता है कि कब, कैसे, कहाँ और किसको मारना है। भारत ने युद्धों की तुलना में आतंकी हमलों में अधिक लोगों को खोया है।

नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर भाजपा केंद्र में सत्ता में आई, तो वह सन् २००४ में अफजल गुरु को फाँसी दिए जाने के निर्णय का सम्मान करेगी।भारत के उच्चतम न्यायालय ने अफज़ल को २००१ में भारतीय संसद पर हुए हमले के लिए दोषी ठहराया था एवं ९ फ़रवरी २०१३ को तिहाड़ जेल में उसे लटकाया गया।

प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार

नरेन्द्र मोदी को २०१४ के लोक सभा चुनाव अभियान की कमान जब सौपी गयी तब पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी कुछ महीने से मोदी की पदोन्नति का विरोध कर रहे थे। मोदी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर आडवाणी ने निराशा जताई और बैठक में भाग नहीं लिया।

इसके कारण पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह घोषणा की। मोदी ने प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद चुनाव अभियान की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी। प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद मोदी की पहली रैली रिवाड़ी तथा हरियाणा में हुई। एक सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वड़ोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी हुए। नरेन्द्र मोदी को प्रधान मन्त्री पद के लिये जनता की पहली पसन्द बताया था ।

योग गुरु स्वामी रामदेव  व मुरारी बापू जैसे कथावाचक ने नरेन्द्र मोदी का समर्थन किया।

नरेन्द्र मोदी ने २०१४ के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक अन्तर से जीती गुजरात की वडोदरा सीट से इस्तीफ़ा देकर संसद में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया |

राष्ट्रपति ने नरेन्द्र मोदी को भारत का १५वाँ प्रधानमन्त्री नियुक्त करते हुए इस आशय का विधिवत पत्र सौंपा। नरेन्द्र मोदी ने सोमवार २६ मई २०१४ को प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली।

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी की कार्य नीतिया

  1. मेक इन इंडिया
  2. योजना आयोग की समाप्ति की घोषणा
  3. प्रधानमंत्री जन धन योजना
  4. रक्षा उत्पादन क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति:  शपथग्रहण समारोह में समस्त सार्क देशों को आमंत्रण, सर्वप्रथम विदेश यात्रा के लिए भूटान का चयन, नेपाल यात्रा में पशुपति मंदिर में पूजा, अमेरिका व चीन से पहले जापान की यात्रा |
  5. स्वच्छ भारत अभियान की इस्थापना की
  6. मन की बात' आमजन तथा देश की आम जनता की बात जाने और उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के माध्यम से न मोदी ने बल्कि लोगों के विचारों को जानने की कोशिश की साथ ही उन्होंने लोगों से स्वच्छता अभियान सहित विभिन्न योजनाओं से जुड़ने की अपील की|

नरेंद्र मोदी जब विश्वविधयालय में थे, तभी से उनकी राजनितिक रूचि थी, उन्होने भारतीय जनता पार्टी  मजबूत बनने में भी बड़ी भूमिका निभायी है । गुजरात में शंकरसिंघ वाघेला का जनाधार को मजबूत बनाने में मोदी जी भूमिका अहम है ।

जब मिली -जुली सरकार  १९९० में चल रहा था तब गुजरात में १९९५ के विधान सभा चुनाव में भारतीये जनता पार्टी ने सरकार बना ली  तब नरेंद्र मोदी जी का आडवाणी के प्रमुख सारथि बनकर महत्व पूर्ण भूमिका निभायी |

 

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