तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आज पुण्यतिथि, जाने अभिनेत्री से राजनीति तक का सफर

Wednesday, Dec 25, 2024 | Last Update : 07:14 PM IST


तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की आज पुण्यतिथि, जाने अभिनेत्री से राजनीति तक का सफर

छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता को आज भी नम आखों से याद किया जाता है। उन्हें तमिल, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों की बेहद सफल अभिनेत्री में से एक माना जाता है।
Dec 5, 2018, 12:53 pm ISTLeadersAazad Staff
jayalalitha  death anniversary
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24 फरवरी 1948 को कर्नाटक के मैसूर जिले के मेलूकोट शहर में जयललिता का जन्म हुआ था। मात्र 2 साल की उम्र में जयललिता के पिता का निधन हो गया था जिसके बाद से ही उनका जीवन संघर्षमय रहा। छोटी सी उम्र में ही उनकी माँ संध्या ने उन्हें फिल्मी दुनिया से रूबरू कराया।

तमिल फिल्मों की सफल अभिनेत्री -

जयललिता को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। उन्होंने सन 1961 में मात्र 13 साल की उम्र में पहली बार अंग्रेजी फिल्म 'एपीसल' में एक बाल कलाकार के तौर पर अभिनय किया था। इसके बाद साल 1965 में एमजी रामचंद्रन के साथ तमिल फिल्म 'वेनिरा आदाई' में बतौर अभिनेत्री काम किया। जयललिता ने एमजीआर के साथ 28 फिल्मों में काम किया। बता दें कि जयललिता ऐसी अभिनेत्री थी जिन्हें शास्त्रीय नृत्य और संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त था।

फिल्मों से उनका रुझान धीरे धीरे कम होता जा रहा था और रीजनीति में अधिक सन 1980 में उन्होंने अपनी आखरी तमिल फिल्म 'थेड़ी वंधा कादला' में बतौर अभिनेत्री काम किया और फिल्मों से दूरी बना ली।

राजनीति का सफर -

अपने फिल्मी करियर को अलविदा कहने के बाद एम जी रामचंद्रन के नेतृत्व में पहली बार 1982 में 'जया' ने राजनीति में कदम रखा और अन्नाद्रमुक की सदस्यता ग्रहण की।  जयललिता की लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि जब उन्होंने तमिलनाडु के कुद्दालोर में पहली बार रैली की तो लोगों की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ी।

1983 में जयललिता को अन्नाद्रमुक की प्रचार टीम का हिस्सा बनाया गया। कहा जाता है कि जैसे जैसे जयललिता राजनीति में सक्रिय होती गई उनके और एम जी रामचंद्रन के रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती चली गई। और 1984 में 'जयललिता को पार्टी के कई पदों से हटा दिया गया।

1987 में रामचंद्रन की मृत्यु के बाद अन्नाद्रमुक दो टुकड़ों में बंट गई।  1988 में रामचंद्रन की पत्नी जानकी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री तो बनीं, लेकिन सिर्फ 21 दिनों के छोटे से कार्यकाल के लिए। जानकी के हटते ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया। 1991 में जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। पांच साल सत्ता संभालने के बाद जयललिता को एक बार फिर से मुख्यमंत्री का पदभार संभालने का मौका मिला 1996 में वे मुख्मंत्री का पद ग्रहण किया। इस दैरान उन पर आय से अधिक संपत्ती रखने का आरोप लगा।

दिसंबर, 1996 में कलर टीवी घोटाले में शशिकला और जयललिता को गिरफ्तार किया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट में यह मामला खारिज हो गया।

तांसी जमीन अधिग्रहण  मामले में ट्रायल कोर्ट ने शशिकला और जयललिता को दो साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि मद्रास हाइ कोर्ट ने शशिकला को बरी कर दिया था।

2003 में जब कोर्ट ने जयललिता को चुनाव लड़ने की इजाजत दी तो उन्होंने अंदीपट्टी सीट से चुनाव लड़ा और दूसरी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने में सफल रहीं।

2011 में एक बार फिर से जयललिता को राज्य का पदभार संभालने का मौका मिला। विधानसभा चुनाव अन्नाद्रमुक पार्टी राज्य में जीत दर्ज करने में सफल रही और जयललिता फिर से मुख्यमंत्री चुनी गईं।

2014 में एक बार फिर से जयललिता पर आय से अधिक संपत्ती रखने का केस चला। इस दौरान उन्हें 4 साल के लिए जेल की सजा हुई और 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। कोर्ट के आदेश के बाद जयललिता को हिरासत में लिया गया। 29 सितंबर 2014 को 'अम्मा' के सहयोगी पन्नीर सेल्वम ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

5 दिसंबर 2016 को जयललिता का रात 11 बजकर 30 मिनट पर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था।

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