रक्षा बंधन पर्व को मनाने के पिछे जुड़ी है ये पौराणिक कथा

Friday, Jan 31, 2025 | Last Update : 11:34 AM IST


रक्षा बंधन पर्व को मनाने के पिछे जुड़ी है ये पौराणिक कथा

भाई बहन के प्यार का प्रतीक का ये पर्व
Aug 16, 2018, 1:35 pm ISTFestivalsAazad Staff
Raksha Bandhan
  Raksha Bandhan

रक्षा बंधन का पावन पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल ये पावन पर्व 26 अगस्त 2018 (रविवार) को है।ये पर्व बहन-भाई के प्यार का प्रतीक है। ऐसा कहा जा सकता है कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत करने वाला पर्व है। इस दिन हर भाई अपनी बहन की रक्षा व दायित्व का वादा करता है। वहीं बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है।

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इस पर्व को मनाए जाने के पीछे हमारे शास्त्रों में रोचक कहानियां हैं। कहा जाता है कि देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ा था जो लगातार 12 साल तक चलता रहा। इस युद्ध के अंत में असुरों ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर देवराज इंद्र के सिंहासन सहित तीनों लोकों को जीत लिया था। इसके बाद इंद्र देवताओं के गुरु, बृहस्पति के पास  गए और सलाह मांगी।
बृहस्पति ने इन्हें मंत्रोच्चारण के साथ रक्षा विधान करने को कहा। सावन मास की पूर्णिमा के दिन गुरू बृहस्पति ने रक्षा बंधन संस्कार आरंभ किया। इस रक्षा बंधन के दौरान मंत्रोच्चारण से रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। पूजा के बाद इस पोटली को देवराज इंद्र की पत्नी शचि (इंद्राणी) ने इस रक्षा पोटली को देवराज इंद्र के दाहिने हाथ पर बांधा। इस रक्षा सूत्र की ताकत से ही देवराज इंद्र असुरों को हराने में सफल हुए साथ ही उन्होने अपना खोया राज्य एक बार फिर से वापस हासिल किया।

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