Monday, Nov 25, 2024 | Last Update : 02:00 AM IST
चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व रविवार( 18 मार्च) से शुरु होने जा रहा है। इस पावन अवसर पर मां दीर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है। श्रद्धालू हर्ष उल्लास के साथ मां दूर्गा के 9 रुपों की पूजा कर उपासना करते है।नवरात्र में देवी की आराधना का विशेष महत्व है। देवी अपने भक्तों को संकट से बचाकर उसकी हर इच्छा की पूर्ति करती है।चैत्र नवरात्र से हिंदू नववर्ष भी शुरू होता है इसलिए इनका धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व है।
आपको बता दें कि देवी भागवत पुराण के अनुसार पूरे वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। दो गुप्त, तीसरे शारदीय और चौथे चैत्र नवरात्र। अमूमन लोग गुप्त नवरात्र के बारे में कम ही जानते हैं। साल में दो बार होने वाले शारदीय और चैत्र नवरात्र के बारे में ज्यादातर लोगों की जानकारी होती है। इस लेख में आगे जानिए चैत्र नवरात्र का महत्व और इससे जुड़ी अन्य बातें।
नवरात्र की मान्यताएं -
चारों नवरात्र का मकसद और मान्यताएं अलग-अलग हैं। पुराणों में चैत्र नवरात्र को आत्मशुद्धि और मुक्ति का आधार माना गया है। वहीं शारदीय नवरात्र को वैभव और भोग प्रदान करने वाला माना गया है।
नवरात्र के पावन अवसर पर ये मान्यता है कि मां दूर्गा अपने भक्तों की मनोकामनाए पूरी करती है। चैत्र नवरात्र यानी इन नौ दिन में जातक उपवास रखकर अपनी भौतिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और तांत्रिक इच्छाओं को पूरा करने की कामना करता है। इन दिनों में ईश्वरीय शक्ति उपासक के साथ होती है और उसकी इच्छाओं को पूरा करने में सहायक होती है।
नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-आराधना के लिए इन मंत्रओं का करे जाप-
1. शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नम:।
2. ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
3. चन्द्रघण्टा : ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
4. कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:।
5. स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
6. कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
7. कालरात्रि : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
8. महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
9. सिद्धिदात्री : ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
इस नवरात्री मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए इन मंत्रों का करे जाप-
ॐ शुक्ला महाशुक्ले निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नम:
नवरात्रि में माँ लक्ष्मी का ध्यान करके प्रतिदिन 10 माला करें व बाद में 1 माला रोज करें घर में लक्ष्मी बनी रहेगी।
ऋद्धि-सिद्धि प्राप्ति के इन मंत्रों का करे जाप-
ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं मम ऋषि
वृद्धि समीहितं कुरु कुरु स्वाहा
इस चैत्र नवरात्री में कन्या पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रों में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. मां भगवती के भक्त अष्टमी या नवमी को कन्याओं की विशेष पूजा करते हैं . 9 कुंवारी कन्याओं को सम्मानित ढंग से बुलाकर उनके पैर धोकर कर आसन पर बैठा कर भोजन करा कर सबको दक्षिणा और भेंट देते हैं।
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