Wednesday, Oct 30, 2024 | Last Update : 05:55 AM IST
देवों के देव महादेव, तीनों लोकों के मालिक भगवान शिव का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि का माना जाता है। देशभर में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने की कृष्णपक्ष की चतुर्थदशी तिथि को मनाया जाता है।इस दिन श्रद्धालू व्रत कर भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूरी करने की कामना करते हैं। इस साल महाशिवरात्रि २१ फरवरी २०२०को मनाई जाएगी।
क्यों मनाते है महाशिवरात्रि-
ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ था। शिव की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से जीवन की हर संकट का समाधान हो जाता है। साथ ही मान्यता यह भी है कि इस दिन व्रत रखने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने पर और शिवपूजन, शिव कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ व "ऊं नम: शिवाय" का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं. व्रत के दूसरे दिन यथाशक्ति वस्त्र-क्षीर सहित भोजन, दक्षिणा दिया जाता है.
व्रत की महिमा
इस व्रत के विषय में मान्यता है कि जो व्रत करता करता है, उसे सभी भोगों की प्राप्ति के बाद, मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत सभी पापों का क्षय करने वाला है. इस व्रत को लगातार 14 वर्षों तक करने के बाद विधि-विधान के अनुसार इसका समापन करना चाहिए।
महाशिवरात्रि पूजा
महाशिवरात्रि पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल भगवान शिव का अत्यधिक प्रिय हैं। भगवान शिव की आराधना में इन्हीं वस्तुओं का प्रयोग करें। ऐसी मान्यता है कि अगर कुंवारी लड़कियां महाशिवरात्रि व्रत रखती हैं तो उन्हें योग्य वर प्राप्त होता है। भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए पूजा करते समय ऊँ नमः शिवाय…मंत्र का जाप करते हुए ऊपर बताई गई सभी वस्तु भोलेबाबा को अर्पित करें।
महाशिवरात्रि का पर्व भारत के अलावा नेपाल में भी मनाया जाता है .भारत के मध्यप्रदेश में जिले उज्जैन में यह पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है, कहते हैं यहां भगवान शिव रहते है। यहां, भक्त भगवान शिव की मूर्ति के साथ जुलूस निकालते हैं।
ईशा सदगुरु
महाशिवरात्रि की धूम वैसे तो हर साल ईशा योग केंद्र में होती है। शब्द "शिव" का शाब्दिक अर्थ है "जो नहीं है" ब्रह्मांड के अस्तित्व और मौलिक गुणवत्ता का आधार विशाल शून्य है। आकाशगंगाएं सिर्फ एक छोटे से छिड़काव हैं, लेकिन बाकी सब अंधेरे खाली जगह है। इसे शिव के रूप में जाना जाता है: गर्भ जिसमें से सब कुछ पैदा होता है और विस्मरण जिसमें सबकुछ वापस चकरा जाता है और इसलिए, शिव को एक अस्तित्व के रूप में वर्णित नहीं किया गया है, लेकिन एक गैर-अस्तित्व है।
योगी वह है जिसने संपूर्ण अस्तित्व को खुद के रूप में अनुभव किया है। केवल कुछ भी नहीं सब कुछ पकड़ सकता है योगी जो अपने आप में सब कुछ शामिल करते हैं वह अस्तित्व के आधार, शिव के आधार का पर्याय है। योग का विज्ञान अदियोगी में उगता है उन्होंने मानव चेतना बढ़ाने के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण को आगे बढ़ाया और मानव तंत्र को अपनी अंतिम संभावना में बदलने के हर संभव तरीके का पता लगाया।
इस साल भी यहां महाशिवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। ईशा सद्गुरु द्वारा आयोजित संगीत, नृत्य और शक्तिशाली निर्देशित ध्यान का एक सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां आयोजित किया जाएगा। हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में ईशा आदियोगी में भाग लेने के लिये मशहूर गायक सोनू निगम, दिलर मेहंदी, तमिल गायक सीन रोल्डन , बासुरी वादक हरी प्रसाद चौरसिआ के भतीजे राकेश चौरसिआ, श्रुति सडोलिकर काटकर और न रविकिरण आ रहे है| यह कार्यक्रम हर साल सैकड़ों की संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए लोग ऑनलाइन टिकट व रेजिस्ट्रेशन करते है। #RoarForShiva
सद्गुरु द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है जो कि महाशिवरात्रि तक आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत शाम 6 बजे से सुबह के 6 बजे तक आयोजित होगी इस कार्यक्रम से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ,
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http://isha.sadhguru.org/mahashivratri/celebrations/venue पर जानकारी ले सकते है।
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