Monday, Nov 25, 2024 | Last Update : 02:30 AM IST
इस बार नवरात्रि 18 मार्च से शुरू हो रही है, जो कि 25 मार्च तक चलेगी। इस दौरान मां के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है और भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। साल में नवरात्रि दो बार आती है पहला चैत्र में और दूसरा शारदीय नवरात्रि। महाराष्ट्र में इसे चैत्र नवरात्रि की शुरुआत गुड़ी पड़वा से और आन्ध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में उगादी से होती है।
बता दें कि 8 तारीख को चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जो सुबह 06:31 मिनट से 07:46 मिनट तक रहेगा इसकी कुल अवधि एक घंटे 15 मिनट की है। चैत्र नवरात्रि में 24 मार्च को अष्टमी रहेगी। जो भक्त पूरे 9 दिन का व्रत रखेंगे उनका पारण 26 मार्च को है।
कलश की स्थापना विधि
नवरात्रि के नौ दिनों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है। अगर आप मिट्टी पर पूजन कर रहे हैं तो पहले उस स्थान को लीप लें। फिर वहां एक लकड़ी का पटरा रखकर उस पर नया लाल कपड़ा बिछा लें। इसके साथ एक मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें. इसी बर्तन पर जल से भरा हुआ कलश रखें.
ध्यान रहे कि कलश का मुख खुला ना छोड़ें. उसे ढक्कन से ढक दें. कलश पर रखा ढक्कन खाली ना छोड़ें, उसमें चावल भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल रखें। इतना करने के बाद दीप जलाएं और कलश का पूजन करें. आप सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित कर सकते हैं।
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