Wednesday, Dec 25, 2024 | Last Update : 01:09 PM IST
5 सितम्बर 1888 – 17 April 1975 डॉ राधाकृष्णन अपनी बुद्धिमतापूर्ण व्याख्याओं आनंददायी अभिव्यक्ति और हसाने, गुदगुदाने वाली कहानियो से अपने छात्रो को मंत्र मुग्ध कर दिया करते थे । वे छात्रो को प्रेरित करते थे कि वे उच्च नैतिक मूल्यो को अपने आचर में उतरे।
विषये को पढ़ाने से पहले वह खुद उसका अच्छे से अध्ययन किया करते थे। पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती प्रतिवर्ष ५ सितम्बर को शिक्षक दिवस रूप में मनाई जाती है ।
सन १९६२ में जब वे राष्ट्रपति बने थे तब कुछ शिष्य और प्रशंसक उनके पास गये और उनसे निवेदन किया कि वे उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने से निश्चये ही मैं अपने को गौरवनिवत अनुभव करुगा।
तब से ५ सितम्बर सारे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया । डॉ राधाकृष्णन कहा करते थे कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति सम्प्रपित और प्रतिबन्ध नही होगे और शिक्षक की कल्पना नही की जा सकती ।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन:- शिक्षक वह नही जो छात्र के दिमाग में तथ्यो को जबरन ठुंसे बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियो के लिये तैयार करे ।
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