श्रीलंका में गहराया राजनीतिक संकट: अमेरिका ने की अपील- संविधान के मुताबिक काम करें सभी दल

Aazad Staff

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श्रीलंका में राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री को हटाए जाने के बाद से राजनीतिक में उथल पुथल मच गई है। वहीं इस मामले को बढ़ता देख शुक्रवार को अमेरिका ने राजनीतिक पार्टियों से संविधान का पालन करने और हिंसा नहीं करने की अपील की है। 

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने और बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुये शनिवार को दो असाधारण गजट नोटिस जारी किए। इसके बाद महिंदा राजपक्षे ने संसद को भंग कर दिया है।

खबरों की माने तो पहला नोटिस विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री के पद से हटाने के बारे में है जबकि दूसरा राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने से संबंधित है। विक्रमसिंघे को पद से हटाने के ऐलान के घंटों बाद ये नोटिस जारी हुये हैं।

वहीं इस मामले में अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा है कि वह द्वीप देश में हो रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, 'हम सभी पक्षों से श्रीलंका के संविधान के अनुरूप काम करने, हिंसा से दूर रहने और उचित प्रक्रिया का पालन करने की अपील करते हैं।'

गौरतलब है कि श्रीलंका में गठबंधन सरकार का गठन साल 2015 में हुआ था, जब सिरीसेना विक्रमसिंघे के समर्थन के साथ राष्ट्रपति चुने गए थे और राजपक्षे का करीब एक दशक लंबा शासन समाप्त हो गया था। दरअसल, सिरीसेना महिंदा राजपक्षे की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने राजपक्षे की पार्टी का समर्थन छोड़ दिया था।

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