संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित किया था। इसकी गिरफ्तारी के लिए 65 करोड़ रुपये का ईनाम रखा गया था। बहरहाल हाफिस सईद की रिहाई केवल भारत की ही समस्या ही नही बल्कि हर देश के लिए समस्या है।
आपकों बता दे कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने आतंकी संगठनों का समर्थन किया है। उन्होंने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि ?मैं लश्कर-ए-तैयबा का सबसे बड़ा समर्थक हूं और जानता हूं कि वह भी मुझे पसंद करते हैं, जमात-उद-दावा भी मुझे पसंद करता है?।
मुशर्रफ ने कहा कि जहां तक मुंबई हमलों की बात है उस संबंध में हाफिज अपनी संलिप्तता से इनकार कर चुका है। लिहाजा आप उसकी भूमिका पर सवाल नहीं उठा सकते हैं।
गौरतलब है कि 2002 में उनकी सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया था।हाफिज सईद को 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टर माईड कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाफिज को वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
श्विक मंच पर भारत द्वारा घेरेबंदी के बाद हाफिज को इसी साल नजरबंद किया गया। लेकिन पाकिस्तान सरकार द्वारा सबूत मुहैया कराने में नाकाम रहने पर लाहौर की कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया। अपनी रिहाई के बाद हाफिज ने कहा कि वो कश्मीर में आंदोलन को समर्थन देता रहेगा।