नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उनके वैश्विक कार्य के लिए सम्मानित किया है। 21 वर्षीय मलाला को लड़कियों को 12 साल की मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित शिक्षा से लैस करने के लिए हार्वर्ड केनेडी स्कूल ने मलाला को गुरुवार को 2018 के ग्लीट्समैन पुरस्कार से नवाजा। मलाला यूसुफजई का जन्म 12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान के खैबर पख्?तूनख्?वा प्रांत की स्वात घाटी में हुआ। मलाला को बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता होने के लिए जाना जाता है।
साल 2007 से मई 2009 तक स्वात घाटी पर तालिबानियों ने खूब आतंक मचा रखा था। तालिबान आतंकियों के डर से लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। लेकिन मलाला इन तालिबान आतंकियों से डरी नहीं। मात्र 14 वर्ष की आयु में अक्टूबर 2012 में जब वह पाकिस्तान की स्वात घाटी के अपने स्कूल से लौट रही थीं, तब तालिबान आतंकियों ने उन्हे गोली मार दी थी। जिससे वे बुरी तरह घायल हो गई जिसके बाद से ही मलाला अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गई। और आज उन्होंने दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। मलाला अब इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं।
मलाला को कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें अंतरराष्?ट्रीय बाल शांति पुरस्कार, पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार, नोबेल शांति पुरस्कार शामिल है। मलाला के 16वें जन्मदिन के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ने 12 जुलाई को मलाला दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की थी।