सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता को लेकर अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने कहा कि भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता को लेकर जोर नहीं देना चाहिए। भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद की मांग कर रहा है। भारत समेत कई देश ये मानते है कि सुरक्षा परिषद २१ सदी की जमिनी हकिकत को प्रतीबिम्बित नहीं करता।
निकी हेली ने कहा कि रूस और चीन दो ऐसी वैश्विक शक्तियां हैं, जो सुरक्षा परिषद के मौजूदा ढांचे में बदलावों के खिलाफ हैं। हेली ने अमेरिका भारत मैत्री परिषद द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह सुधार) वीटो से कहीं अधिक बड़ी चीज है। सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार है। रूस, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के पास यह शक्ति है और इनमें से कोई इसे छोड़ना नहीं चाहता और न ही इस ताकत को दूसरे देश से साझा करना चाहते।