गाजा पट्टी में भड़की हिंसा में 15 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। वहीं इजराइली सेना द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट और फायरिंग में अब तक 8 लोगों की जान चली गई है। जबकि इस हादसे में 1200 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक यह गोलीबारी तब हुई जब सीमा के करीब हजारों की संख्या में फलस्तीनी नागरिक मार्च ऑफ रिटर्न नाम से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जिसमें 30 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे। इस प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। प्रदर्शन कर रही भीड़ पर इजराइल सेना द्वारा 6 जगहों पर फायरिंग की।
जानकारी के मुताबिक इजराइली सेना द्वारा की गई कार्रवाई की चौतरफा निंदा होता देख इजराइल ने सफाई पेश की है।प्रदर्शनकारी सीमा के पास सुरक्षा घेरे को तोड़ने के इरादे से सैन्य बलों पर फायरबम और पत्थर फेंकने लगे। साथ ही टायर जलाने लगे। इसके बाद यह प्रदर्शन हिंसक हो गया।
दूसरी ओर, फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घटना पर जानकारी देते हुए कहा कि दिनभर चले इस हिंसा में 7 फिलिस्तीन नागरिक मारे गए हैं। रबर बुलेट और आंसू गैस छोड़े जाने से घायलों की संख्या ज्यादा बढ़ी।
फिलिस्तीनियों ने इजराइल सीमा पर विरोध के लिए 5 मुख्य शिविर क्षेत्रों का निर्माण किया है, जो कि उत्तर में बीट हुनुन से लेकर मिस्र की सीमा तक सटा हुआ है. मामला उस समय भड़का जब शुक्रवार को फिलिस्तीनियों ने अपने क्षेत्र में प्रदर्शन किया और सीमा पर लगे सुरक्षा को तोड़ने की कोशिश की।
फिलिस्तीन लोग वैश्विक स्तर पर 30 मार्च को भूमि दिवस मनाते हैं। 30 मार्च, 1976 को गैलिली में अरब कब्जे वाली जमीन को इजराइली सरकार द्वार हड़प लिए जाने के बाद विरोध-प्रदर्शन में हुई हिंसा मे 6 अरब-इजराइली लोगों के मारे जाने की याद में मनाया जाता है.