यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने इंटरनेट सेवांए देने वाली अमेरिकी टेक्नॉलॉजी कंपनी गूगल पर पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है। प्रतिस्पर्धा प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर ईयू द्वारा लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
गूगल पर आरोप है कि उसने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की मार्केट में पहुंच का गलत इस्तेमाल किया है। इसके अलावा यह भी आरोप है कि गूगल ने कथित तौर पर स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को एंड्रॉयड फोर्क्ड वर्जन पर चलने वाले डिवाइस बनाने नहीं दिया है। और दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रयोग में बाधाएं डाली। इतना ही नहीं गूगल पर ये भी आरोप लगा है कि उसने सैमसंग और हुआवे जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के साथ गठजोड़ कर स्मार्टफोन में अपना ब्राउजर और सर्च इंजन प्रीइंस्टॉल करा प्रतिस्पर्धियों के मौके छीने। उन्होंने कहा कि गूगल ने अपनी कई अन्य एप और सेवाओं के इस्तेमाल के बदले गूगल सर्च को डिफॉल्ट सर्च-इंजन बनाने की बाध्यता रखी।
यूरोपीय यूनियन ने गूगल को अपनी इस रणनीती से हटने के लिए कहा है और अगर गूगल ऐसा नहीं करता है तो उस पर अतरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं गूगल पर जुर्माना लगाए जाने की खबर के सामने आने के बाद गूगल के प्रवक्ता अल वर्नी ने इसके खिलाफ अपील करने की बात कही है।