यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का विरोध जताया जा रहा है। ट्रंप के फैसले के खिलाफ फलस्तीनियों की ओर से 'आक्रोश दिवस मनाया गया। अमेरिका के इस अप्रत्याशित कदम को उसकी पुरानी विदेशी नीति के उलट देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने गुस्से का इजहार करते हुए इस्राइली और अमेरिकी झण्डे जलाएं और ट्रंप के पोस्टरों को पैरों के तले कुचला।
ट्रंप ने 2016 में अपने चुनावी अभियान के दौरान यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का वादा किया था। वहीं अरब देशों ने इस फेसले को लेकर पक्षीमी देशों में दनाव बढ़ने की चेतावनी भी दी है। ट्रंप के इस फैसले का दुनियां भर में विरोध जताया जा रहा है। बता दें कि यरुशलम को इजरायल की राजधानी की आधिकारिक मान्यता देने वाला अमेरिका पहला देश बन गया है। हर मोर्चे पर अमेरिका के साथ खड़ा रहने वाले ब्रिटेन ने भी ट्रंप के फैसले को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
ट्रंप द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद कई देशों ने सुरक्षा परिसद की बैठ बुलाने की मांग की है। इसके तहत फ्रंस,इटली, ब्रिटेन, जैसे आठ देश शामिल है। सुरक्षा राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि फिलीस्तीन और यरुशलम का मुद्दा बातचित के द्वारा भी हल किया जा सकता है।