दूरसंचार नियामक ट्राई मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रणाली की समीक्षा करने जा रहा है इस प्रणाली की सहायता से ग्राहकों के लिए एमएनपी प्रक्रिया को आसान और तेज बनाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि जिस तरह ट्राई(TRAI) ने कुछ समय पहले एमएनपी का शुल्क 19 रुपये से घटाकर चार रुपये कर दिया था, अब इस प्रक्रिया में लगने वाले ज्यादा समय को काफी कम करने की योजना है। जानकारी के मुताबिक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने बताया कि नियामक इस महीने के आखिर तक इस मुद्दे पर एक परामर्श पत्र जारी करेगा।
फिलहाल भारत में नंबर पोर्ट करने में 7 दिन लगते हैं, जबकि इसके उलट दुनियाभर में नंबर पोर्ट करने की प्रक्रिया कुछ घंटों में ही पूरी हो जाती है. ट्राई की योजना इस प्रक्रिया को और प्रभावशाली बनाने की है. ट्राई इस बात को भी सुनिश्चित करना चाहता है कि पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया के दौरान कोड के लेकर होने वाली समस्या का भी समाधान हो सके।
इस तरह नंबर होते है पोर्ट
मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के लिए अपने मैसेज बॉक्स में जाकर PORT टाइप करें और स्पेस देकर मोबाइल नंबर लिखें और 1900 पर भेज दें. इसके बाद आपको यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) भेजा जाएगा. अब आप जिस कंपनी या नेटवर्क पर अपना नंबर पोर्ट कराना चाहते हैं, उसकी सिम खरीद लें. जहां से आप नया सिम खरीदेंगे, वहां आपको अपने दस्तावेजों के साथ UPC भी सब्मिट कराना होगा. इसके बाद ही आपको नये नेटवर्क का सिम पुराने नंबर पर जारी होगा. पुराना सिम डिएक्टिवेट होने के बाद आप नया सिम नये नेटवर्क पर इस्तेमाल कर सकते हैं.