एशियन गेम्स ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय दल के ध्वजारोहक रहे नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। वह सोमवार को पुरूषों के जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए।। 20 साल के इस युवा ऐथलीट ने पहली बार भारत को इस स्पर्धा में एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल दिलाया है। इससे पहले, 1982 के एशियाई खेलों में गुरतेज सिंह ने जैवलिन में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। हरियाणा के पानीपत में जन्मे चोपड़ा 18वें एशियाई खेलों की ओपनिंग सेरिमनी में भारतीय ध्वजवाहक भी रहे थे।
नीरज ने भारत को इंडोनेशिया में चल रहे एशियाड का 8वां गोल्ड मेडल दिलाया है। नीरज का पहला थ्रो 83.46 मीटर रहा हालांकि दूसरे थ्रो में उनका पैर लाइन से बाहर चला गया, जिसे फाउल माना गया लेकिन तीसरे थ्रो में उन्होंने 88.06 दूर भाला फेंका।नीरज ने 88.06 मीटर दूर भाला फेंक कर भारत के लिए सोना जीता। चीन के लिउ किजेन ने 82.22 मीटर के साथ सिल्वर और पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 80.75 मीटर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता।
नीरज ने अपने पहले प्रयास में 83.46 मीटर भाला फेंका और तीसरे प्रयास में 88.06 मीटर भाला फेंक कर अपना गोल्ड मेडल और पक्का कर लिया। भारत के लिए यह 9वां दिन काफी अच्छा रहा है। आज भारत ने कुल पांच पदक जीते हैं।