पंजाब के अमृतसर के रहने वाले अरपिंदर की तीसरी कूद (16.77 मीटर) उन्हें गोल्ड मेडल जितवाने के लिए काफी रही। उज्बेकिस्तान के रसलान कुरबानोव (16.62मीटर) ने सिल्वर और चीन के शुओ काओ (16.56मीटर) ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया। ट्रिपल जंप में भारत के ही दूसरे खिलाड़ी राकेश बाबू छठे स्थान पर रहे। भारत ने एशियन गेम्स के तिहरी कूद में 48 साल बाद कोई स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले महिंदर सिंह ने 1970 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।
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अरपिंदर की पहली कूद असफल रही। इसके बाद उन्होंने दूसरी कूद में 16.58 मीटर की छलांग लगाकर चोटी पर जगह बना ली। तीसरी छलांग उन्होंने 16.77 मीटर की लगाई जो एशियन गेम्स में उन्हें गोल्ड मेडल दिलवाने के लिए काफी था। अरपिंदर की चौथी छलांग 16.08 मीटर रही। उनकी पांचवीं और छठी छलांग सफल नहीं रही। एक समय तक सुरेश बाबू दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में वह फिसल गए।
ट्रिपल जंप में यह भारत का छठा पदक है हालांकि इनमें से तीन बार ही भारतीय खिलाड़ी गोल्ड जीत पाए हैं। ट्रिपल जंप में भारत के लिए आखिरी गोल्ड साल 1970 में मोहिंदर सिंह गिल ने जीता था।मोंहिदर साल 1958 में भी स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं। वहीं साल 1974 में उन्होंने सिल्वर भी हासिल किया था। ट्रिपल जंप में भारत को आखिरी पदक साल 1982 में मिला था, जब बालासुब्रमण्यम को कांस्य मिला था।