टीबी एक ऐसा रोग है जो एक से दूसरे में संक्रमण से के माध्यम से फैलता है। देश में हर साल 5 लाख लोग टीबी के कारण दम तोड़ते हैं। भारत में पूरी दुनिया के एक चौथाई टीबी मरीज हैं। ऐसा नहीं कि ये ला-इलाज बीमारी है इसका इलाज संभव है लेकिन फिर भी देश भर में इस बीमारी ने अपना वर्चस्व जमा रखा है।
भारत टीबी का सबसे बड़ा शिकार है और दुनिया के 25 फीसदी मरीज भारत में हैं। भारत में हर साल टीबी से 5 लाख लोगों इस बीमारी से दम तोड़ते है। शहरों में टीबी से ज्यादा लोग शिकार होते हैं, जबकि गावों में इसका इलाज लंबी खींच जाता है।
देश में टीबी से करीब 28 लाख मरीज पीड़ित हैं। इनमें से ज्यादातर का इलाज किया जा रहा है। वहीं हर दिन चार से छह हजार नए केस मिल रहे हैं। इनसे साबित होता है कि टीबी की स्क्रीनिंग का काम जमीनी स्तर पर काफी बेहतर चल रहा है। हालांकि अब भी यह बीमारी हर साल चार लाख लोगों की जान ले लेती है।
लगातार 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी आ रही तो मान लीजिए कि सावधान होने का समय आ गया है और ये टीबी का लक्षण हो सकता है। खांसी के साथ लगातार बलगम आना टीबी का लक्षण है।
टीवी के लक्षण -
- ब्रॉन्काइटिस में सांस लेने में दिक्कत होती है और सांस लेते हुए सीटी जैसी आवाज आती है।
- कैंसर में मुंह से खून आना,
- वजन कम होना जैसी दिक्कतें हो सकती है लेकिन आमतौर पर बुखार नहीं आता।
टीबी में सांस की दिक्कत नहीं होती और बुखार आता है।
टीवी का खतरा इन व्यक्तियों में ज्यादा होता है-
स्मोकिंग करने वाले को टीबी का खतरा ज्यादा होता है।
डायबीटीज के मरीजों को ये बीमारी जल्दी हो सकती है।
स्टेरॉयड लेने वालों और एचआईवी मरीजों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
ये बीमारी उनके लिए भी खतरनाक होती है जिनकी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता ) कम होती है।
टीवी की इस तरह करे जांच -
शरीर के जिस हिस्से में टीबी है, उसके मुताबिक टेस्ट किया जाता है।
- फेफड़ों की टीबी के लिए बलगम जांच होती है, इसके लिए 100-200 रुपये तक शुल्क है। वहीं सरकारी अस्पतालों और डॉट्स सेंटर पर इसकी जांच मुफ्त है।
-बलगम की जांच 2 दिन लगातार की जाती है। ध्यान रखें कि थूक नहीं, बलगम की जांच की जाती है। अच्छी तरह खांस कर ही बलगम जांच को दें।
-अगर बलगम में टीबी पकड़ नहीं आती तो AFB कल्चर कराना होता है। यह 2000 रुपये तक में हो जाती है। लेकिन इनकी रिपोर्ट 6 हफ्ते में आती है। ऐसे में अब जीन एक्सपर्ट जांच की जाती है, जिसकी रिपोर्ट 4 घंटे में आ जाती है। इस जांच में यह भी पता चल जाता है कि किस लेवल की टीबी है और दवा असर करेगी या नहीं। सरकार ने इस टेस्ट के लिए 2000 रुपये की लिमिट तय की हुई है।
-कमर में लगातार दर्द है और दवा लेने के बाद भी फायदा नहीं हो रहा तो एक्सरे-एमआरआई आदि की सलाह दी जाती है। एक्सरे 300-400 रुपये में और एमआरआई 3500 रुपये तक में हो जाती है।
बच्चों को टीबी हो जाए तो काफी घातक होती है -
इसलिए पैदा होते ही बच्चे को BCG का टीका लगाया जाता है। - बच्चे को टीबी हो जाए तो उसके पूरे शरीर में टीबी फैल सकती है। इसे मिलिएरी (miliary) टीबी कहा जाता है।
बच्चे के दिमाग तक इसका असर हो जाए तो उस स्थिति को मैनेंजाइटिस (manengitis) कहा जाता है। यह स्थित घातक हो सकती है।
टीवी के मरिजों को ये सावधानी बरतनी चाहिए-
- खुले में न थूकें।
- सिर्फ एक्सरे पर भरोसा न करें।
-कल्चर टेस्ट कराएं।
- डॉक्टर से पूछे बिना दवा बंद न करें।