अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिकों को विशेष अधिकार देता है। इस अनुच्छेद के तहत कोई भी बाहरी राज्य (जम्मू कश्मीर से अन्य राज्य ) के व्यक्तियों को यहां अचल संपत्तियों के खरीदने एवं उनका मालिकाना हक प्राप्त की इजाजत नहीं देता है। इसके साथ ही यह अनुच्छेद अन्य राज्यों के व्यक्ति को यहां हमेशा के लिए बसने बर भी रोक लगाता है। इस अनुच्छेद के अनुसार अन्य राज्य के व्यक्ति को यहां मिलने वाले लाभ से भी वंचित रखा जाता है।
यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर सरकार उन लोगों को स्थाई निवासी मानती है जो 14 मई 1954 के पहले कश्मीर में बसे थे।
अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर की विधान सभा को यह अधिकार देता है कि वह 'स्थायी नागरिक' की परिभाषा तय कर सके और उन्हें चिन्हित कर विभिन्न विशेषाधिकार भी दे सके।
स्थाई निवासियों को जमीन खरीदने, रोजगार पाने और सरकारी योजनाओं में विशेष अधिकार मिले हैं।
देश के किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में जाकर स्थाई निवासी के तौर पर नहीं बस सकता.
दूसरे राज्यों के निवासी ना कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं, ना राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है.
अगर जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले तो उसके अधिकार छीन लिए जाते हैं.
उमर अब्दुल्ला की शादी भी राज्य से बाहर की महिला से हुई है, लेकिन उनके बच्चों को राज्य के सारे अधिकार हासिल हैं.
अनुच्छेद 35ए के तहत जम्मू कश्मीर को ये अधिकार मिला है कि वो किसे अपना स्थाई निवासी माने और किसे नहीं।