प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जन-औषधि योजना? पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रांडेड दवाइयां 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती मिलने लगी है। जन-औषधि केन्द्रों पर मिलने वाली दवाएं बाज़ार में बिकने वाली ब्रांडेड दवाइयों से लगभग 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं। इससे जन-सामान्य, विशेषकर प्रतिदिन दवाएं लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों की बहुत आर्थिक मदद होती है। इसमें ख़रीदी जानेवाली जेनरिक (सामान्य) दवाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों के हिसाब से होती हैं। यही कारण है कि अच्छी गुणवत्ता की दवाएं सस्ते दाम पर मिल जाती हैं।
जन-औषधि केंद्र को लेकर पीएम ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश के ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना है ताकि एक स्वस्थ और समृद्ध भारत का निर्माण किया जा सके।
?जन-औषधि योजना? के तहत ना केवल दवाए सस्ती मिल रही है बल्कि रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। ?जन-औषधि योजना? वाले केंद्र पर सरकार दवाओं की बिक्री पर 16 फीसदी कमिशन भी देती है। पहले यह योजना सिर्फ चुनिंदा संस्थानों में ही उपल्बध थी लेकिन अब इस योजना को डॉक्टर और फार्मासिस्ट भी खोल सकते है।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज-
पैन कार्ड होना अनिवार्य
आधार कार्ड अनिवार्य
पंजीकरण प्रमाण पत्र अनिवार्य
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए व्यक्ती के पास 10 वर्ग मीटर की जगह होनी चाहिए
जन-औषधि केंद्र को कई भी व्यक्ती खोल सकता है। SC, ST और दिव्यांग आवेदकों को इस केंद्र को खोलने के लिए सरकार द्वारा 50,000 रुपए की दवाईयां दी जाती है।
जन-औषधि केंद्र स्थापित करने के लाभ-
दवाईयों पर प्रिंट कीमत से 16% तक का प्रोफिट
दो लाख तक की वनटॉईम वित्तीय सहायता
इस स्टोर को 12 महीने के लिए उसकी सेल का 10% अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाएगा। जो अधिक्तम 10 हजार रुपए हर महीने होगा।
पूर्वोत्तर, नक्शल, आदीवासी इलाको में इंसेंटिव 15% होगा इंसेंटिव धन राशी 15,000 होगी।
http://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर आप जन-औषधि केंद्र योजना के लिए ऑनलाईन अपलाई कर सकते है।