सायना नेहवाल का जन्म हिसार के हिंदु-जाट परीवार में 17 मार्च 1990 में हुआ। इनके पिता का नाम हरवीर सिंह नेहवाल और माता का नाम उषा रानी नेहवाल है। अपनी कड़ी महत और लगन से ये विश्व की नंबर 1 बैडमिंटन खिलाड़ी रही। अपनी बेहतर प्रतीभा के कारण इन्हे दुनिया भर में प्रसिद्धी मिली है। 2004 से साईना बैडमिंटन खिलाड़ी में सक्रिय रही है। 2009 तक साईना बैडमिंटन खिलाड़ियों के टॉप 10 की लिस्ट में शमिल रही है। साईना भारत की तरफ से तीन बार ओलंपिक के लिए खेल चुकी है।
स्पेन की कैरोलीना मरीन को फाइनल में 19-21, 25-23, 21-16 से हराकर पिछली विजेता साइना ने 2015 का इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब जीत लिया। इसके ठीक पहले आल इंगलैंड बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनते हुए साइना कैरोलिना से ही फाइनल में 21-16, 14-21, 7-21 से हार गयी थीं। 21 मार्च 2015 को थाइलैंड की रत्चानोक को इंडियन ओपन सुपर सीरीज़ के फाइनल में हराकर वह विश्व की शीर्ष वरीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं। यह खिताब पाने वाली वे पहली भारतीय महिला है।
4 अगस्त 2012 को लन्दन ओलंपिक्स में सायना ने ब्रोंज मेडल जीता था। प्रकाश पादुकोण के बाद वह पहली भारतीय महिला है जो नंबर वन अंतरराष्ट्रिय बैडमिंटन खिलाडी बनी। इसके अलावा वह वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप और सुपर सीरिज टूर्नामेंट जीतने वाली वह पहली भारतीय है। आज के ही दिन उन्होंने 2015 की BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीता था और ऐसा करने वाली वह पहली महिला बनी।
साईना ने अब तक कई पुरस्कार व ऑवारड अपने नाम किए है। साईना को वर्ष 2009 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मनित किया गया था। इन्हे राजीव गाँधी खेल रत्न (2009-2010) मिला। इसके साथ ही साईना को पद्म श्री से 2010 में सम्मानित किया गया।