भारतीय संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का धर्मग्रंथ माना गया है। इसी? किताब से भारतीय लोकतंत्र संचालित होता है। आज हम आपको इस लेख में भारतीय संविधान से जुड़ी कुछ अहम बातें बताने जा रहे है जो हर एक भारतीय को जाननी चाहिए।
भारतीय संविधान सभा की ओर से 26 नंवबर 1949 को भारत का संविधान पारित हुआ था और 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। भारत का संविधान दुनिया के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है. वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। इन्हे संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 के दिन हुई थी। देश में हर साल संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है।
और ये भी पढ़े: क्या आप जानते है लाल किले पर ही क्यों फहराया जाता है तिरंगा?
11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें। भारतीय संविधान पर 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें 15 महिलाएं थीं।
भारत के संबिधान में 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से प्रभावित तथा विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। प्रस्तावना के माध्यम से भारतीय संविधान का सार, अपेक्षाएं, उद्देश्य उसका लक्ष्य तथा दर्शन प्रकट होता है। संविधान में पहला संशोधन 18 जून 1951 को किया गया था, वहीं अब तक संविधान में 100 संशोधन किए जा चुके हैं।