प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वार की गई। इस योजना ने देश के किसानों की खेती के प्रति राय बदल दी है। जो लोग खेती को रोजगार के अंतिम उपाय के तौर पर देखते थे, इस योजना ने उनकी सोच बदल दी है। इस योजना के तहत मोदी सरकार का संकल्प है कि साल 2022 तक देश के किसानों की आय को दो गुना करना है।
इस योजना की सफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पहले किसान अपनी फसलों का जितना बीमा करवाते थे उसकी संख्या अबतक 7 गुना बढ़ चुकी है। यही वजह है कि साल 2016-17 में इसके प्रीमियम पर 13,240 करोड़ रुपये खर्च हुए। चालू वित्त वर्ष 2017-18 में इसके लिए 9 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गया है।
इस योजना का लाभ
किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा। इस योजना के तहत किसानों द्वारा भुगतान किये जानेवाले प्रीमियम की दरों में कमी कर दी गई हालांकि शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार करेगी। इससे किसामों को फायदा होगा इसकी मदद से किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जा सकेगी। इस योजना से किसानों की अर्थवसवस्था में काफी हद तक सुधार आएगा।
इस योजना का लाभ आप ऑफलाइन और दूसरा ऑन लाइन फार्म भर कर कर सकते है। ऑन लाई फार्म के लिए इस वैबसाई पर आपना फआर्म भर सकते है http://www.agri-insurance.gov.in
योजना के उद्देश्य
प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना है। किसानों को कृषि में नवाचार आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। व कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश है।