जानिए क्या है POSCO एक्ट….

Aazad Staff

Should Know

POSCO एक्ट के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान है।

POCSO (The Protection Of Children From Sexual Offences Act) प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट । ये कानून सरकार ने साल 2012 में बनाया था। यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है।

24 घंटो के अंदर लिया जाता है एंश्न -

पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि मामले को 24 घंटे के अन्दर बाल कल्याण समिति की निगरानी में लाये ताकि CWC बच्चे की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठा सके। इस अधिनियम में बच्चे की मेडिकल जांच के लिए प्रावधान भी किए गए हैं, जो कि इस तरह की हो ताकि बच्चे के लिए कम से कम पीड़ादायक हो। मेडिकल जांच बच्चे के माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में किया जाना चाहिए, जिस पर बच्चे का विश्वास हो, और पीड़ित अगर लड़की है तो उसकी मेडिकल जांच महिला चिकित्सक द्वारा ही की जानी चाहिए।

POSCO एक्ट में किए गए नए बदलाव-

नए कानून में 12 साल की बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा, 16 साल से छोटी लड़की से गैंगरेप पर उम्रकैद की सजा, 16 साल से छोटी लड़की से रेप पर कम से कम 20 साल तक की सजा दी जा सकेगी। ऐसे मामलों में कोर्ट 6 महीने के अंदर अपना फैसला सुनाएगा। नए संशोधन के तहत रेप केस की जांच 2 महीने में पूरी करनी होगी. इसके अलावा दोषी को अग्रिम जमानत भी नहीं दी जाएगी. वहीं, अब किसी महिला से रेप पर सजा 7 से बढ़कर 10 साल होगी।

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