केरल के सबरीमाला में स्थित है सबरीमाला मंदिर। इस मंदिर को हजारों साल पहले बनवाया गया था। इस मंदिर की बहुत सारी जानकारी अन्य देशो के प्रवासी के किताबो में भी मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर को परशुराम ने बनवाया था। इस मंदिर में अय्यप्पा की पूजा की जाती है। इस सबरीमाला मंदिर के बाजु में एक सूफी संत वावर की समाधी भी है। इन्हे अय्यप्पा का मित्र कहा जाता था। यहां इनकी भी पूजा होती है। इन्हे ?वावारुनाडा? नाम से भी जाना जाता है। सबरीमाला मंदिर बहुत ही विशेष मंदिर है क्यों की इस मंदिर में किसी भी धर्मं किसी भी जाती का व्यक्ति आ सकता है।
मक्का मदीना के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है जहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते है। इस मंदिर का सही नाम शबरीमला है यह मंदिर 18 पहाड़ियों के बीच में स्थित है जिस कारण इसका नाम सबरीमाला रखा गया है।
अयप्पा स्वामी भगवान शिव के पुत्र थे। अय्यप्पा को 'हरिहरपुत्र' के नाम से भी जाना जाता है। हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव के पुत्र। समुद्र मंथन के दौरान हरि यानी भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था। जिसे देखकर भगवान शिव भी मोहित हो गए थे। मोहिनी और शिव से उत्पन्न हुए थे अय्यप्पा।
यह मंदिर नवम्बर दिसंबर और मकरसंक्रांति के अवसर पर ही खुला रहता है।साल के अन्य दिनों में इस मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता।
महिलाओं के प्रवेश पर है प्रतिबंध - इस मंदिर मे केवल पुरुषो को ही आने की अनुमति है। किसी भी महिला को इस मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता।