हरिता कौर देओल भारतीय वायुसेना के विमान से अकेले उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला विमान चालक थीं। इनका जन्म 25 दिसंबर 1972 को पंजाब प्रांत के चंडीगढ़ में एक सिख परिवार में हुआ था।
उन्होंने अपनी शिक्षा चंडीगढ़ से पूरी करने के बाद वायु सेना अकादमी में प्रारंम्भिक प्रशिक्षण में प्रवेश लिया, यहां प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने हैदराबाद के नजदीक डंडीगुल के येलहांका वायुसेना स्टेशन में एयरलिफ्ट कोर्स प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (एएलएफटीई) में आगे प्रशिक्षण प्राप्त किया।
साल 1992 में पहली बार वायुसेना ने महिला पायलटों के लिए आठ पदों पर वैकेंसी निकाली थी। इस पद के लिए देश भर से 20 हजार आवेदकों ने आवेदन भरे थे। हरिता कौर देओल भी इनमें से ही एक थी।
वर्ष 1993 में उन्हें एसएससी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया। वायुसेना में शामिल होने वाली पहली सात महिला कैंडिडेटस में से एक थी। हरिता कौर देओल को 2 सितंबर 1994 को एविरो एचएस 748 में उडान भरने का मौका दिया गया। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 22 साल थी। इस दिन हरिता देओल अकेले विमान उड़ाने भरते हुए पहली भारतीय महिला पायलट के रूप में एक नया इतिहास रच दिया था। इसी के साथ हरिता देओल ने भारत में महिलाओं के प्रशिक्षण के लिए परिवहन पायलटों के रूप में एक महत्वपूर्ण चरण को भी चिन्हित किया।
25 दिसंबर, 1996 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के बुक्कापुरम गांव के पास निकट विमान दुर्घटना में उसका निधन हो गया था।