भारत छोड़ो आंदोलन भारतीये स्वंत्रता आंदोलन का महत्वपूर्ण संदसत्व था इसी आंदोलन ने ब्रिटिश लोगो को देश से मुक्त कराने के लिये सारे राष्ट्र को संकलिपत कर एक केर दिया था, इस भारत छोड़ो आंदोलन ने सारे देश के लोगो को एक कर दिया था ये वो आंदोलन था जिसने सारे देशवासियो चाहे गरीब हो या अमीर, गांव हो या शहर हर कोई कंधे से कंधा मिला कर एक जुट हो गया था सारे देश में जनआक्रोश अपनी चरम सीमा पर था महात्मा गांधी के आवाहन पर लाखो भारत-वासी करो या मरो के मंत्र के साथ अपने जीवन को संघर्ष में झोक रहे थे, देश के लाखो नौजवानो ने अपनी पढ़ाई तथा किताबे छोड़ दी थी|
आज़ादी का बुगुल बजा तो इस आंदोलन के साथ सारे भारतवासी चल पड़े थे, ९ अगस्त १९४२ को भारत छोड़ो आंदोलन पर महात्मा गांधी ने आवाहन तो किया लेकिन सारे बड़े नेताओं को अंग्रेज सल्तनत ने जेल में डाल दिया और यह वो कार्य कण्ड था कि देश में दूसरी जनसंख्या के नेतृव्य में डॉ लोहिआ, जय प्रकाश नारायण जैसे महापुरषो ने अग्रिम भूमिका निभाई थी, असहोयग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में १९२० और १९४२ महात्मा गांधी के दो अलग अलग रूप दिखाई देते है असहोयग आंदोलन के रूप रंग अलग थे और १९४२ में ऐसी स्तिथि आयी की तीरवता इतनी बढ़ गयी कि महात्मा गांधी जैसे महापुरुष ने करो या मरो का मंत्र दे दिया|
इस सारी सफलता के पीछे जन समर्थन, जन समर्थ, जन संकल्प, जन संघर्ष था | पूरा देश एक जुट हो कर भारत छोड़ो आंदोलन के लिये लड़ रहा था अगर इतिहास के पन्नो को पलटै तो भारत का पहला सवंत्रता संग्राम सन १८५७ को हुआ, सन १८५ ७ से १९४२ तक हर पल देश के किसी ना किसी कोने तक चलता रहा इस लम्बे काल में देशवासियो के दिल में आज़ादी की ललक पैदा कर दी हर कोई कुछ न कुछ करने के लिये प्रतिबिंबत हो गया पीडिया बदलती गयी लेकिन संकल्प में कोई कमी कमी नहीं आयी, लोग आते गये जुड़ते गये नये आते रहे नये जुड़ते गये ओर अंग्रेज सल्तनत को उखाड़ कर फेकने के लिये देश हर पल प्रयास करता रहा |
सन १८५ ७ से १९४२ के पांच साल संकल्प से सिद्धी के पाँच वर्ष बन गये ये पाँच वर्ष थे देश को आज़ादी दिलाने के लिये |
१९४७ में हम आज़ाद हुए आज २०१७ है करीब सत्तर साल हो गये सरकारी आयी गयी वेवस्थायै बनी बड़ी पनपी देश को सफल बनाने के लिए हर किसी ने प्रयास किये देश में गरीबी मिटाने के लिए विकास करने के लिये प्रयास हुआ सफलताये भी मिली|
२०१७ से २०२२ हमारे लिये संकल्प वर्ष है इस १५ अगस्त को हम सब संकल्प वर्ष के रूप में मनाये ओर जब २०२२ को आज़ादी के ७५ साल होंगे तो हम इस संकल्प को सिद्धी में बदलने की पूरी कोशिश करेगे|
अगर सवा करोड़ भारतवाशी ९ अगस्त को क्रांति दिवस को याद करके ये संकल्प ले व्यक्ति के रूप में संकल्प ले परिवार के रूप में यह करुँगा, देश के रूप में यह करोगा गांव के लिये ये करोगे, शहर के रूप में यह करोगे|
२०१७ संकल्प का वर्ष है|
गरीबी भारत छोड़ो,
गंदगी भारत छोड़ो,
भृष्टाचार भारत छोड़ो,
आंतकवाद भारत छोड़ो,
जातिवाद भारत छोड़ो,
साम्प्रयवाद भारत छोडो,
आज संकल्पता करेगे या मरेगे नहीं बल्कि भारत के नये संकल्प के साथ जुड़ने की है, संकल्प को ले कर जुड़ना है तथा जूझना है संकल्प से सिद्धी का अभियान चलाये|