अमृता शेरगिल एक ऐसी पेंटर जिन्होंने मॉर्डन इंडियन आर्ट की शुरुआत की

Aazad Staff

Should Know

अमृता शेरगिल भारत की महानतम चित्रकारों में एक रही हैं। अमृता का रुझान बचपन से ही चित्रकारी की तरफ था। मात्र आठ साल की उम्र में अमृता ने चित्रकारी का प्रशिक्षण लेने शुरु कर दिया था। उनके चित्रों में भारतीय शैली के साथ यूरोपीय शैली का अद्भुत संयोग दिखता है।

अमृता शेरगिल का जन्म 30 जनवरी 1913 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। इनके पिता का नाम उमराव सिंह शेरगिल और माता का नाम मेरी एंटोनी था। इनकी मां एक हंगिरियन महिला थीं। अमृता शेरगिल की प्रारंभिक शिक्षा फ्रांस मे ही हुई। हालांकि उनका बचपन भारत में भी बीता। 1921 में अमृता व उनका पूरा शिमला आ गया। हालांकि 1921 में अमृता इटली चली गई।

1921 में उन्होंने इटली के फ़्लोरेन्स नगर में चित्रकला की शिक्षा ली, वहाँ उन्होंने एक नग्न महिला का चित्रण किया था। इसके कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। वे अब तक अनुभव कर चुकी थीं कि उनके जीवन का वास्तविक ध्येय चित्रकार बनना ही है। इसके बाद अमृता पेरिस में आकर पुन: शिक्षा प्राप्त करने लगीं।

साल 1923 में अमृता इटली के एक मूर्तिकार के संपर्क में आई, जो उस समय शिमला में ही थे और 1924 में वे उनके साथ इटली चली गई। 16 साल की उम्र में अमृता का पूरा परिवार पेरिस चला गया और अमृता ने यहां पर भी चित्रकारी का प्रशिक्षण लिया। कुछ साल उन्होंने यूरोप में भी गुजारे और यहीं कारण है कि उनकी शुरुआती चित्रकारी में यूरोप की भी झलक दिखती है।

अमृता को साल 1930 में ?नेशनल स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स इन पेरिस? से ?पोट्रेट ऑफ अ यंग मैन? अवॉर्ड से नवाजा गया। साल 1933 में उन्हें ?एसोसिएट ऑफ ग्रैंड सैलून? से भी नवाजा गया।बता दें कि सबसे कम उम्र में ये खिताब पाने वाली अमृता पहली एशियाई और भारतीय थीं।

साल 1934 में अमृता भारत वापस आ गई। यहां आकर उन्होंने अपने आप को भारत की परंपरागत कला की खोज में लगा दिया। क्लासिकल इंडियन आर्ट को मॉर्डन इंडियन आर्ट की दिशा देने का श्रेय अमृता शेरगिल को ही जाता है। उन्होंने अजंता की गुफाएं, दक्षिण भारत की संस्कृति, बनारस आदि को कैनवास पर उतारते-उतारते अनजाने में ही एक नए युग की शुरुआत कर दी थी। अमृता की कुछ मुख्य चित्रकारी - युवा लड़कियाँ, ऊंट, स्नानगृह में दुल्हन, पहाड़ी औरतें, हिल मेन आदि है।

अमृता शेरगिल ने अपनी माता के एक सम्बन्धी से विवाह किया था, जिसका नाम विक्टर इगान था जो पेशे से डॉक्टर था, परन्तु उनका वैवाहिक जीवन बहुत ही अल्पकालीन रहा। साल 1941 में अमृता गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी। बहुत कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और 28 साल की उम्र में 5 दिसंबर 1941 को उन्होंने इस दुनिया से विदा ली।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.