Sarveshwar Dayal Saxena (सर्वेश्वर दयाल सक्सेना )

Sarita Pant

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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना(Sarveshwar Dayal Saxena)was a Hindi writer, Poet,Columnist and playwright

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
नयी कविता के विख्यात कवि एवं उच्च कोटि के विद्वान सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सन १९२७,15 सितम्बर में हुआ | उन्होने अंग्लो संस्कृत उच्च विद्यालय बस्ती से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की उसके पश्शात वे कवीरा महाविद्यालय वाराणसी में अध्यन किया | सन १९४९ में उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम् . ए की परीक्षा पास की | शिक्षा समाप्त करने के बाद उन्होने आडीटर जनरल इलाहाबाद के कार्यालय से अपने कर्ममय जीवन की शुरुवात की | कार्यालय एवं विद्यालय की नौकरी के पश्यात वे कुछ समय के लिए आकाशवाणी में सहायक प्रोफेस्सर भी रहे |

सन १९६५ में उन्होने 'दिनमान' साप्ताहिक पत्रिका के प्रमुख उप्पसंपादक के पद पर भी काम किया | उन्होने बच्चो की प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय मासिक पत्रिका 'पराग' का सफलता-पूरक सम्पादन किया | २४ सितम्बर ,१९८४ में उन्होने इस संसार से हमेशा के लिए नाता तोड़ लिया |
रचनायें :- काव्य संग्रह 'काठ की घंटियाँ,बॉस का पुल,गर्म हवाएं, एक सूनी नाव, कुआनो नदी, जंगल दर्द, खूटियों पर लटके लोग'|
उपन्नायास :- पागल कुत्तो का मसीहा , सोया हुआ जल
नाटक :- बकरी
कहानी :- लड़ाई
बाल साहित्यें :- भो भो खो खो, बतूता का जूता, लाख की नाक

इसके अत्तिरिक्त चरचे और चरखे, अब गरीबी हटाओ, रजा बाज, बहादुर और रानी रूपमती आदि |

भाषा शैली :- उन्होने चित्रात्मक प्रतीकात्मक एवं निबनातमक शैली का प्रयोग किया है |
साहितिक विशेषतये :- मध्यम वर्ग को अपनी रचनाओ का आधार बनाया | मध्यम वर्ग को अपनी रचनायो का आधार बनाया | मध्यम वर्गियाई जीवन के सपने,संघर्ष , शोषण, हताशा और कुंठा का चित्रण उनकी रचनायो मे मिलता है |

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