कृष्णानंद राय मामले में हाईकोर्ट में अपील करेगी योगी सरकार

Aazad Staff

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कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में दिल्ली की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया। अब इस मामले में योगी सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी। बता दें कि २००५ में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत पांच लोगों पर था।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में अब दिल्ली होई कोर्ट में अपील करेगी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, समेत सभी पांच लोगों को बरी कर दिया है। गौरतलब है कि इस हत्या में आरोपी मुन्ना बजरंगी का नाम भी शामिल था जिसकी कुछ दिनों पहले जेल में हत्या कर दी गई थी। इस मामले की सुनवाई विशेष जज अरुण भरद्वाज कर रहे थे।

इस मामले को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दिल्ली कोर्ट में स्थानांतरण कर दिया गया था। २०१३ में विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस केस को स्थानांतरण करने की अपील की थी।

२९ नवंबर साल २००५ में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके ६ अन्य साथियों की २९ नवंबर २००५ को गाजीपुर में एके ४७ से हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि इस घटना में ४०० से अधिक राउंड फायरिंग की गई थी। वारदात में सीधे तौर पर मुख्तार अंसारी समेत पांच लगों का नाम सामने आया था। हालांकि इस घटना को लेकर कहा गया था कि जब ये हत्या हुई उस दौरान मुख्तार जेल में बंद था और सीबीआई ने उसे १२० बी (साजिश रचने) का मुल्जिम बनाया था।

बता दें कि मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। गौरतलब है कि कृष्णानंद राय गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के तहत गोंडूर गांव के रहने वाले थे। उन्होंने वर्ष २००२ में हुए चुनाव में मोहम्मदाबाद सीट पर मुख्तार के भाई अफजाल को हराकर अंसारी बंधुओं के वर्चस्व को चुनौती दी थी।

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