देश के प्रख्यात लेखक व पत्रकार मुजफ्फर हुसैन का 73 साल की उम्र में मंगलवार शाम 6 बजे मुम्बई के हीरानंदा अस्पताल में निधन हो गया। मुजफ्फर हुसैन काफी समय से बीमार थे जिसके कारण उनका इलाज हीरानंदा अस्पताल में चल रहा था। वे अस्पताल में 12 दिन से आईसीयू में भर्ती थे।
मुजफ्फर हुसैन का जन्म 1945 में राजस्थान के बिजौलिया में हुआ थआ। हुसैन की प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा नीमच में हुई। विक्रम विश्वविद्यालय से एमएम व मुंबई यूनिवर्सिटी से एलएलबी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1965 से ही मुंबई में रहकर पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहे।
हिन्दी, अंग्रेजी व गुजराती पर हुसैन की अच्छी पकड़ थी। औरंगाबाद से प्रकाशित हिन्दी दैनिक देवगिरी के संपादक और नवभारत टाइम्स मुंबई में संवाददाता रहे। इनके लिखे लेख मध्य एशिया के कई प्रमुख अखबारों में छपते थे। इनकी नौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। इनमें सबसे प्रसिद्ध पुस्तक ?खतरे अल्पसंख्यक वाद? (डेंजर्स आफ द माइनोरिटी) तीन भाषाओं में प्रकाशित हुई।
2002 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने पद्मश्री अलंकरण से नवाजा। हुसैन को डॉ. हेडगेवार प्रज्ञापीठ कोलकाता सहित कई संस्थाओं ने सम्मानित किया गया। हुसैन का भगवान महावीर की वाणी को आत्मसात कर जन-जन को परमात्मा के संदेशों के प्रति प्रेरित करने के लिए रतलाम में राष्ट्रसंत विजय जयंतसेन सूरिश्वर ने सम्मान किया था। हुसैन का विवाह नीमच निवासी हाजी फखरुद्दीन की बेटी नफीसा हुसैन के साथ हुआ था।