एड्स एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे इंसान को अंदर से खोखला कर देती है। एड्स मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है।जिसके कारण मरीज को तरह-तरह की बीमारिया घेरने लगती हैं। एड्स के दौरान अगर मरीज को सर्दी-जुकाम भी होता है तो वो उसके लिए घातक साबित हो सकता है। दुनियाभर में एड्स की वजह से होने वाली मौतों में टीबी का बड़ा हाथ है। जिन लोगों में एचआइवी संक्रमण हो, उनमें टीबी की आशंका 30 गुना अधिक होती है।
सरकारी अस्पतालों में इलाज तो मुफ्त है। हालांकि यहां इस बीमारी के लिए देखरेख ना के बराबर है। हालांकि कि इस बीमारी का अभी तक कोई तोड़ नहीं निकाला जा सका है। भारत में एचआइवी संक्रमण के लगभग 80,000 नए मामले हर साल दर्ज किए जाते हैं।
विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है। विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश ये है कि हर इंसान को एचआईवी स्टेटस की जानकारी होनी चाहिए।
UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक 36.9 मिलियन लोग एचआईवी के शिकार हो चुके हैं. भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन है। भारत में एड्स का सबसे पहला मामला सन 1966 में आया था। इस बीमारी के कारण 2011- 2014 तक 1.5 लाख लोगों की मौत हुई थी।
इस लिए 1 दिसंबर को मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस
विश्व एड्स दिवस मनाने की पहली आधारशिला सन 1987 में अगस्त के महीने में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा राखी गई थी। थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न दोनों डब्ल्यू.एच.ओ.(विश्व स्वास्थ्य संगठन) जिनेवा, स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे। उन्होंने एड्स दिवस का अपना विचार डॉ. जॉननाथन मन्न (एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के निदेशक) के समक्ष रखा, यह विचार उन्हें काफी पसंद आया। डॉ. जॉननाथन मन्न ने इसकी स्वीकृति दे दी और वर्ष 1988 से 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। हर साल 1 दिसम्बर विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाने का निर्णय इस लिए भी रखा गया क्यों कि क्रिसमस की छुट्टियों और अन्य अवकाश से इस दिवस को दूर रखा जा सके।
इन कारणों से होता है एड्स
-अनसेफ सेक्स (बिना कनडोम के) करने से.
-संक्रमित खून चढ़ाने से.
-HIV पॉजिटिव महिला के बच्चे में.
-एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने से.
-इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से.
एचआईवी के लक्षण
-बुखार
-पसीना आना
-ठंड लगना
-थकान
-भूख कम लगना
-वजन घटा
-उल्टी आना
-गले में खराश रहना
-दस्त होना
-खांसी होना
-सांस लेने में समस्?या
-शरीर पर चकत्ते होना
-स्किन प्रॉब्?लम