साल का पहला ग्रहण 31 जनवरी 2018 को लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण शाम 5 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ हो जायेगा जबकि रात्रि 8 बजकर 53 मिनट पर उग्र यानि समाप्?त होगा।इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 2 घंटे 43 मिनट की रहेगी। चंद्र ग्रहण के दिन भगवान के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन मंदिरों के कपाट बंद रखे जाते है। इस ग्रहण को सम्पूर्ण भारतवर्ष में देखा जा सकेगा।
भारत के अलावा यह ग्रहण पाकिस्तान, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, सऊदी अरब,केन्या, तंज़ानिया, इथोपिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन, मयन्मार, मंगोलिया, जापान, थाईलैंड, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि देशो में भी इस चन्द्र ग्रहण को किंचित समय के लिए देखा जाएगा।
हिंदू धर्म के अनुसार ये मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब देवों और दानवों के साथ अमृत पान के लिए विवाद हुआ तो इसको सुलझाने के लिए मोहनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। जब भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया। लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहू को ऐसा करते हुए देख लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहू ने अमृत पान किया हुआ था , जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतू के नाम से जाना गया। इसी कारण राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रस लेते हैं। इसलिए चंद्र ग्रहण होता है।
वहीं वैज्ञानिक तौर पर देखे तो पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आती है तो चंद्र ग्रहण होता है। जब सूर्य व चंद्रमा के बीच में पृथ्वी इस प्रकार से आ जाए जिससे चंद्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाए और सूर्य की किरणें चंद्रमा तक ना पहुंचे। ऐसी स्थिति में चंद्र ग्रहण होता है।
इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
ये चंद्र ग्रहण पुष्?य एवम् अश्?लेषा नक्षत्र और कर्क राशि में होगा इसलिए इसका सर्वाधिक प्रभाव इसी नक्षत्र में जन्?मे लोगों पर ही पड़ेगा। इनके लिए इस ग्रहण के प्रभाव अत्?यंत शुभकारी होंगे। इन लोगों की लंबे समय से चली आ रही चिंतायें समाप्?त होंगी और आर्थिक लाभ भी होंगे।
ग्रहण के दौरान भूल कर भी ना करे ये कार्य-
ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए भोजन करने से अनेक प्रकार के व्याधियों से ग्रसित हो सकते है।
ग्रहण के दौरान बचा हुआ या बना हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने से पहले अगर भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाए तो वो भोजन खाने योग्य हो जाता है माना जाता है कि तुलसी दोष को दूर कर देती है।
ग्रहण काल में व्यक्ति को मूर्ति स्पर्श, नाख़ून काटना, बाल काटना अथवा कटवाना, निद्रा मैथुन आदि कार्य नहीं करना चाहिए। इस काल में स्त्री प्रसंग से नर-नारी दोनों को बचना चाहिए।